भारत ने कड़ी प्रतिक्रि या जताते हुए कहा कि जाधव को कानून और न्याय के मूलभूत नियमों को अनदेखा करते हुए दी गई मौत की सजा का यदि पाक पालन करता है तो यह सुनियोजित हत्या होगी। भारत ने पाक कैदियों को रिहा करने का फैसला भी रोक दिया है। विदेश सचिव एस जयशंकर ने भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर बेहद कड़े शब्दों का डिमाश्रे दिया। उन्होंने कहा कि जिस आधार पर जाधव को यह सजा दी गई है वह हास्यास्पद है। और उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं है।
जाधव को कथित तौर पर ईरान से प्रवेश करने के बाद पिछले वर्ष 13 मार्च को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अशांत बलुचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि जाधव रॉ में तैनात भारतीय नौसेना का सेवारत अधिकारी है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जाधव से संपर्क करने की 13 बार अपील हुई जिसकी पाकिस्तानी अधिकारियों ने इजाजत नहीं दी।
इससे पहले नवाज शरीफ के फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर सरताज अजीज ने कहा था, ‘गिरफ्तार किए गए भारतीय जासूस जाधव ने सिर्फ बयान दिया है, लेकिन इसके अलावा उसके खिलाफ हमारी सरकार और एजेंसियों के पास कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं।‘