देहरादून। उत्तराखंड में आबकारी विभाग से हर साल अरबों का राजस्व सरकार को प्राप्त होता है, बावजूद इसके विभाग के पास अपने ड्यूटी हथियारों के लाइसेंस रिन्यू कराने तक का बजट नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार आबकारी विभाग के पास 50 बंदूकें तो हैं लेकिन इन हथियारों के लाइसेंस रिन्यू करने के लिए पर्याप्त बजट नहीं है। लिहाजा विभाग के कर्मचारी बंदूकों को कार्यालय में जमा करा कर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। ऐसे में प्रदेश में शराब माफिया पर विभाग कैसे लगाम लगा पाएगा यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है। उत्तराखंड में पड़ोसी राज्यों से हर वर्ष भारी मात्रा में अवैध शराब की तस्करी का धंधा धड़ल्ले से चलाया जाता है। बड़े-बड़े सिंडिकेट सरकार और विभाग की नाक के नीचे इस गोरखधंधे को अंजाम देते हैं। वहीं इस तरह से अवैध शराब की बिक्री और माफिया पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने आबकारी विभाग को जिम्मेदारी सौंपी है। लेकिन विभाग से इन दिनों जो निकलकर सामने आ रहा है वो वाकई में चैंकाने वाला है।दंबगई के बल पर शराब का कारोबार करने वाले और शराब की तस्करी को रोकने के लिए विभाग के पास 50 बंदूकें हैं। जिनका लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए आबकारी विभाग के पास बजट नहीं है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि अगर तस्करों से मुकाबला करते हुए हथियारबंद माफिया से विभाग की भिड़त हो जाये तो ऐसे में विभाग क्या करेगा।
टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से घरों में पड़ीं दरारें, दहशत में ग्रामीण
Mon Oct 14 , 2019
टिहरी। जनपद की टिहरी डैम का जल स्तर बढ़ने से लोग खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं। टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से लोगों के घरों में दरारें पड़ने लगी हैं। जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है। लोगों का कहना है कि सरकार […]

You May Like
-
लच्छीवाला मे मुख्यमंत्री का जनता मिलन कार्यक्रम
Pahado Ki Goonj December 29, 2018