हिजबुल में फूट पड़ने की खबर है, और ये उस वक्त साफ़ दिखा जब हिज्बुल मुजाहिदीन ने हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं के खिलाफ अपने कमांडर जाकिर मूसा के बयान से खुद को अलग कर लिया। हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर जाकिर मूसा ने एक ऑडियो जारी कर चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर हुर्रियत नेताओं ने कश्मीर मामले को ‘राजनीतिक’ बताया तो वह उनके सिर काटकर उन्हें लाल चौक पर लटका देगा। जाकिर ने आॅडियो मैसेज में कहा, ‘मैं उन सभी पाखंडी हुर्रियत नेताओं को चेतावनी दे रहा हूं। उन्हें हमारी इस्लामिक लड़ाई में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम उनके सिर काटकर उन्हें लाल चौक पर लटका देंगे।’
वहीं, हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रवक्ता सलीम हाशमी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद से शनिवार को कहा कि मूसा के बयान से संगठन का कोई लेना-देना नहीं है और न ही यह इसे स्वीकार्य है। मूसा के बयान हाशमी ने उसका ‘निजी विचार’ बताया। हिज्बुल के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए मूसा ने ऑडियो संदेश में कहा, ‘हिज्बुल मुजाहिदीन ने कहा है कि उसका जाकिर मूसा के बयान से कोई लेना-देना नहीं है। इसलिए, अगर हिज्बुल मुजाहिदीन मेरा प्रतिनिधित्व नहीं करता, तो मैं भी उनका प्रतिनिधित्व नहीं करता हूं। आज के बाद से मेरा हिज्बुल मुजाहिदीन से कोई लेना-देना नहीं है।’
उसने कहा, ‘मैंने केवल उस शख्स के विरुद्ध कहा है, जो इस्लाम के खिलाफ है और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के गठन के लिए आजादी की बात करता है। हम इस्लाम की खातिर आजादी की जंग लड़ रहे हैं। मेरा रक्त इस्लाम के लिए बहेगा न कि किसी धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के लिए।’ मूसा ने सोशल मीडिया में वायरल हो रहे आॅडियो मैसेज में कहा था कि कश्मीर में शरीयत लागू करने को लेकर उसकी लड़ाई का उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट है न कि वह कश्मीर मुद्दे को राजनीतिक संघर्ष बताकर उसका समाधान चाहता है।