निर्भया के माता-पिता के साथ-साथ पूरे देश की नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले के दोषी अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और मुकेश की फांसी की सजा कायम रखी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया कांड को सदमे की सुनामी बताया। जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाते हुए कहा कि इस मामले की परिस्थितियों और इस अपराध ने ‘लोगों को हतप्रभ करने की सुनामी पैदा कर दी।’
कोर्ट ने कहा कि अपराध की किस्म और इसके करने के तरीके ने सामाजिक विश्वास तोड़ा और यह मौत की सजा के लिये विरल से विरलतम अपराध की श्रेणी में आता है। कोर्ट ने कहा कि ये गुनाह ऐसा है जिसमें माफी की कहीं कोई गुंजाइश ही नहीं है। दोषियों को कठोर सजा मिलेगी तभी समाज में भरोसा पैदा होगा। कोर्ट ने इस मामले में चारों दोषियों के खिलाफ निचली अदालत और हाई कोर्ट के निष्कर्षों की पुष्टि की। सजा के ऐलान के बाद निर्भया के माता-पिता ने कोर्ट के फैसले पर संतोष जाहिर किया। निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि लंबी कानूनी प्रक्रिया के कारण देरी होने के बावजूद आखिरकार इंसाफ हुआ।