देहरादून। शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केन्द्र को एनओसी न दिये जाने की मांग को लेकर आज क्षेत्रवासियों द्वारा आईटी पार्क स्थित पर्यावरण और प्रदूषण विभाग मेें धरना देकर सदस्य सचिव को ज्ञापन प्रेषित किया गया।
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि शीशमबाड़ा गांव में नगर निगम द्वारा जो कूड़ा निस्तारण केन्द्र बनाया गया है उसमें मानकों को पूर्णतया ताक पर रखा गया है। कहा गया है कि इस निस्तारण केन्द्र से निकलने वाला दूषित पानी भूमिगत जल स्तर में मिल रहा है जिससे क्षेत्र में कई बीमारियों ने अपने पैर पसार लिये है। कहा गया है कि इस निस्तारण केन्द्र से हवा दूषित हो गयी है जिसके दुष्प्रभाव से पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ गया है। बताया गया है कि पिछले पांच माह से पर्यावरण प्रदूषित होने के कारण सेलाकुई क्षेत्र में 20 से अधिक लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है तथा 6 हजार डेंगू के मरीज होने के साथ ही क्षेत्र में कई अन्य गम्भीर बीमारियंा फैल चुकी है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि अगस्त 2019 में शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केन्द्र को पर्यावरण प्रदूषण विभाग से मिलने वाली एनओसी समाप्त हो गयी है फिर भी उक्त स्थान पर बिना एनओसी के ही कूड़ा डाला जा रहा है। उन्होने मांग की है कि यह अपराध की श्रेणी में आता है तो प्रदूषण विभाग इस पर मुकदमा दर्ज कराये। उन्होने कहा कि अगर प्रदूषण विभाग द्वारा शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केन्द्र को दोबारा एनओसी प्रदान की गयी तो वह विभाग केे खिलाफ आंदोलन पर बाध्य होगें जिसके लिये विभाग जिम्मेदार होगा।