मथुरा, वृन्दावन सहित ब्रज के सभी तीर्थस्थलों में होली की तैयारियां शुरू हो गई हैं और बसंत पंचमी के दिन से यहां होली शुरू हो जाएगी. परंपरा के अनुसार बसंत पंचमी के दिन ब्रज के सभी मंदिरों और चौराहों पर (जहां होली जलाई जाती है), होली का प्रतीक लकड़ी का टुकड़ा गाड़ दिया जाता है. उसके बाद मंदिरों में प्रतिदिन होली के शास्त्रीय गीतों पर आधारित समाज गायन प्रारंभ हो जाता है. बांके बिहारी मंदिर के राजभोग अधिकारी प्रणव गोस्वामी एवं गोपी गोस्वामी के अनुसार एक फरवरी को बसंत पंचमी के दिन होली का आगाज़ हो जाएगा. ब्रज में इस बार बरसाने की लट्ठमार होली फाल्गुन शुक्ला नवमी यानी छह मार्च को और नन्दगांव में सात मार्च को मनाई जाएगी.