समस्त सुधी पाठकों को पहाड़ों की गंूज की ओर से बुराई की हार और अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य पर बनाए जाने वाली होली की पर्व की हार्दिक शुभ कामनाएं। मित्रों इस पर्व की एक और खासियत है कि इस दिन पुराने जमाने से कहावत चली आ रही है कि कोई भी इंसान उस जलती हुई होली के सामने प्रण लेकर अपने भीतर की बुराई को समाप्त करने का संकल्प ले लेता है। इस समाज में कई ऐसे लोग है कि जिन्होने जलती होली के सामने शपथ लेकर अपने भीतर की बुराई को समाप्त किया। जिससे कि आगे चलकर उनका भविष्य सुधर गया। मित्रों इन दिनों करोनो वाईरस का प्रकोप चल रहा है। जिससे भारतीय समाज को कोई घबराने की जरूरत नही है क्यों भारतीय समाज का खानपान और रहन सहन अन्य मुल्कों से भिन्न है। इसलिए सभी इंसान को चाहिए कि ऐसे मौकों पर अपने परमपरागत तरह से पकाकर खांए।
सभी प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाओं सहित
अतुल्य भारत के संपादक अनिल भाष्कर सहित वरिष्ठ पत्रकार अनिल पछंी, व सुर्यकांत बेलवाल।