देहरादून। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को हल्द्वानी और देहरादून के किसी भी हॉस्पिटल में निजी रुम नहीं मिल पाया। इसके बाद रविवार को उन्हें हेलीकॉप्टर से गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल ले जाया गया है। जिस पर कांग्रेस के कई नेताओं ने सरकार के निशाना साधा है।
इतना ही नहीं कांग्रेस नेता शिल्पी अरोड़ा ने त्रिवेंद्र सरकार पर नेता प्रतिपक्ष के साथ हुए व्यवहार को लेकर इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि राज्य की त्रिवेंद्र सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम करने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है, बाजवूद उसके प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बद से बदतर है। स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर मरीजों के साथ मजाक किया जा रहा है। राज्य के अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटरों का अभाव बना हुआ है। अरोड़ा ने कहा कि कोरोना संक्रमित नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के लिए सरकार देहरादून के सरकारी और निजी अस्पताल में एक कमरा तक उपलब्ध कर पाई है। इसीलिए अब उन्हें दिल्ली भेजा जा रहा है। बदहाल, स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र से इस्तीफें की मांग की है। दरअसल, देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल में 4.30 घंटे के इंतजार के बाद भी नेता प्रतिपक्ष को रूम नहीं मिला था। इसके बाद उन्हें सिनर्जी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। ऐसे में कांग्रेस पार्टी का कहना है कि जब कांग्रेस की वरिष्ठ नेताओं के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा तो आम जनता का क्या हाल होगा।