नई दिल्ली। 2012 के निर्भया गैंगरेप-हत्या केस में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट सुनवाई कर रही है। बुधवार को सुनवाई में अदालत दोषियों के लिए नया डेथ वारंट जारी करने पर विचार कर सकती है। हालांकि, इस संबंध में एक केस सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। बुधवार को दिल्ली की अदालत ने दोषी पवन गुप्ता को कानूनी मदद देने की पेशकश की जिसने कहा था कि उसके पास वकील नहीं है। कोर्ट में सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि अदालत इस मामले की सुनवाई 13 फरवरी को करेगी। .निर्भया केस के घटनाक्रम पर एक नजरः-
16 दिसंबर 2012ः- वसंत विहार इलाके में चलती बस में निर्भया के साथ जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया
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17 दिसंबर 2012- पुलिस ने वारदात में शामिल बस बरामद की और एक आरोपी।
राम सिंह को गिरफ्तार कर लिया.18 दिसंबर 2012- विनय शर्मा, मुकेश और पवन को पुलिस ने गिरफ्तार किया। 21 दिसंबर 2012- एक नाबालिग आरोपी को आईएसबीटी से पकड़ा गया। वहीं औरंगाबाद से अक्षय को गिरफ्तार किया गया।
.25 दिसंबर 2012- मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने निर्भया का बयान दर्ज किया। 26 दिसंबर 2012रू निर्भया को इलाज के लिए सिंगापुर के अस्पताल भेजा गया। 29 दिसंबर 2012- सिंगापुर के अस्पताल में निर्भया ने दम तोड़ा। 11 मार्च 2013- तिहाड़ जेल में राम सिंह ने फांसी लगाकर की खुदकुशीै 13 सितंबर 2013- निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई।
13 मार्च 2014- दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत की सजा को बरकरार रखा। 5 मई 2017- सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की याचिका को खारिज करते हुए उनकी सजा को बरकरार रखा। 9 जुलाई 2018- सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिव्यू पेटिशन को खारिज कर दिया। 7 जनवरी 2020- निर्भया के चारों दोषियों की फांसी के लिए 22 जनवरी सुबह 7 बजे का समय अदालत ने तय किया। 17 जनवरी 2020- अदालत ने एक फरवरी के लिए नया डेथ वारेंट जारी किया। 31 जनवरी 2020- अदालत ने दोषियों की फांसी के लिए जारी डेथ वारेंट को रद्द कर दिया।