नयी दिल्ली। जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनी यूनिटेक लिमिटेड के दो प्रवर्तक संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को दिल्ली की एक अदातल ने सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है। दोनों के खिलाफ ग्रेटर नोएडा में प्रोजेक्ट की आड़ में धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए तीन प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं। जांच एजेंसी ने धोखाधड़ी के मामले में पूछताछ के लिए अदालत के समक्ष दोनों के हिरासत की मांग की थी।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयूरी सिंह ने अनुरोध स्वीकार करते हुए चंद्रा बंधुओं को 15 सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा है। तीन में से एक प्राथमिकी में, यह आरोप लगाया गया है कि फर्म ने 2006 में उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में एक आवासीय परियोजना ‘यूनिटेक वर्व’ शुरू की थी, जिसमें शिकायतकर्ता राम नारायण अग्रवाल ने 16.77 लाख रुपये की कीमत से फ्लैट बुक कराया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि दिसंबर 2009 में फ्लैट देने के लिए कहा गया था लेकिन उन्हें अभी तक कब्जा नहीं मिला है। दो अन्य प्राथमिकियों में भी प्रवर्तकों पर धोखाधड़ी और घर खरीदारों को फ्लैट नहीं देने का आरोप है।
एक अन्य मामले में चंद्रा पर 85 वर्षीय महिला से धोखाधड़ी करके 41 लाख रुपये लेने का आरोप है। इस मामले में अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट संदीप गर्ग ने दोनों को चार दिन की पुलिस हिरासत और 22 सितंबर तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था। न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के आदेश के बाद चंद्र बंधुओं ने अपने अधिवक्ता के जरिए जमानत याचिका दाखिल की। इस पर 11 सितंबर को सुनवाई होनी है। 85 वर्षीय महिला की ओर धोखाधड़ी की शिकायत पर 4 सितंबर को अदालत ने अजय और संजय चंद्रा को पुलिस हिरासत में भेजा था।
महिला ने दोनों पर साल 2016 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में शिकायतकर्ता की ओर से दावा किया गया था कि साल 2006 में उसने यूनिटेक लिमिटेड के ग्रेटर नोएडा परियोजना ‘यूनिटेक कास्कैड’ में 43 लाख रुपये में फ्लैट बुक कराया था। साल 2008 तक 41 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था लेकिन उन्हें अभी तक फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया है।