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धरती में 40,000 फीट से ज्यादा गहढ़ा क्यों नही खोदते

Pahado Ki Goonj

रूस में एक ऐसी जगह है जिसे नर्क का द्वार भी कहा जाता है। ये दुनिया में मौजूद सबसे गहरा बोरहोल है। कोला सुपरडीप बोरहोल नाम के इस होल को 1970 में रूस के वैज्ञानिकों ने खोदना शुरू किया था। अमेरिकी वैज्ञानिकों को चुनौती देने के लिए वे ज्यादा से ज्यादा गहरा खोदना चाहते थे लगातार 19 साल खोदने के बाद साइंटिस्ट 12 किमी गहराई तक पहुंच चुके थे लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें खुदाई को रोकना पड़ा। आखिर क्या हुआ था ऐसा ?

– रिसर्च के मुताबिक जैसे-जैस साइंटिस्ट जमीन की गहराई में खुदाई करते गए वैसे-वैसे उनकी मशीन का तापमान तेजी से बढ़ने लग गया। जब वे 12262 मीटर (40,230 फीट) की गहराई पर पहुंचे मशीनों ने काम करना बंद कर दिया। उस वक्त जमीन का तापमान 180 डिग्री सेलसियस था। इसे देख तत्काल काम रोक दिया गया। तब साइंटिस्ट्स ने इस होल का नाम (नर्क का दरवाजा) रख दिया।
सतह से 0.2ः ही हुई खुदाई
– जमीन में 12 किलोमीटर की खुदाई करना अपने आप में के किसी अजूबे से कम नहीं है पर आपको जानकर हैरानी होगी कि सतह से लेकर धरती के कोर तक जितनी गहराई है ये उसका 0.2 पर्सेंट भी नहीं है। साइंटिसट के मुताबिक धरती का 6400 किलोमीटर नीचे है, जहां पहुंचने का सोचा भी नहीं जा सकता।

इस मशीन से हुई खुदाई
– इस अनोखे काम को पूरा करने के लिए दुनिया की सबसे अनोखी मशीन का इस्तेमाल किया गया। मल्टी लेयर ड्रिलिंग सिस्ट वाली इस मशीन की टारगेट डेप्थ 15000 मीटर (49000 फीट) थी।

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