त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारिता से ग्रेजुएशन की
1979 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सेवक बने
1981 में संघ के प्रचारक के रुप कार्य करने का संकल्प लिया
1985 में देहरादून महानगर के प्रचारक बने
1993 में भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री बने
1997 से 2002 तक प्रदेश के संगठन मंत्री बने…
…इस दौरान सम्पन्न सभी विधानसभा, लोकसभा एवं विधान परिषद चुनाव में भाजपा को अभूतपूर्व सफलता मिली।
राज्य आन्दोलन में अहम भूमिका निभाई
राजनीतिक जीवन- 2002 में डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक चुने गए
त्रिवेंद्र फिर 2007 में दूसरी बार डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए
2007 में त्रिवेंद्र बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने
कैबिनेट मंत्री के दौरान कृषि शिक्षा, कृषि विपणन, लघु सिंचाई, पशुपालन, दुग्ध एवं मत्स्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री के रूप में दायित्व संभाला
2012 के विधानसभा चुनाव में डोईवाला सीट छोड़ रायपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन हार गये
2013 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बने
लोकसभा चुनाव 2014 में उत्तरप्रदेश में अमित शाह के साथ सहप्रभारी की जिम्मेदारी मिली
भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व ने अक्टूबर 2014 को त्रिवेंद्र सिंह रावत को झारखण्ड के प्रभारी की जिम्मेदारी दी
त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में झारखण्ड में भाजपा ने पहली बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई
त्रिवेंद्र सिंह रावत को नमामि गंगे समिति के राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी से भी नवाजा गया
विधानसभा चुनाव 2017 में तीसरी बार डोईवाला विधानसभा क्षेत्र से त्रिवेंद्र सिंह रावत विधायक चुने गए
17 मार्च, 2017(आज) को त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा विधानमंडल दल का नेता चुना गया.