केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने कहा, ‘धारा 271 जे के तहत हमने सीए, मूल्यांककों तथा मर्चेंट बैंकरों की जिम्मेदारी तय की है. जो आडिट, मूल्यांकन रिपोर्ट और अन्य चीजें जमा कराते हैं.
ऐेसे में यदि वे कोई गलत सूचना रिटर्न में देते हैं तो उन पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा.
उन्होंने कहा कि पूरी प्रणाली सीए पर काफी भरोसा करती है और उन्हें अधिक जिम्मेदार होना चाहिए. चंद्रा ने कहा कि बजट का उद्देश्य कर अनुपालन में सुधार करना और कर दायरा बढ़ाना तथा कारोबार की स्थिति सुगम करना है. निचले कर के बावजूद अनुपालन का स्तर काफी कम है.
उन्होंने कहा कि पनामा दस्तावेजों तथा अन्य कालाधन संबंधी रपटों में भारतीयों की संख्या काफी अधिक है.