विश्व शिक्षा लें- कोराना वायरस की भविष्यवाणी हमारे शास्त्रों में वर्णित है

Pahado Ki Goonj

 

प्रधानमंत्री मोदी जी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है। सभी कार्य घरों में रहकर करें।[https://www.mohfw.gov.in/] 

खवार गांव ,टिहरी गढ़वाल, पहाड़ों की गूंज हम सुबह उठकर  भगवान, पृथ्वी को प्रणाम कर माता, पिता के चरण स्पर्श करते हैं।

जब कोई अपने से बड़ा मिलने लगते हैं उनके पैरों पर झुक कर स्पर्श करते हैं।उस समय हमारे शरीर के विषाणु बाहर आजाते हैं तब  प्यार प्रेम से गले मिलने के लिए हमारे शरीर मन की सब बुराई  बाहर निकल जाती है ।

शुद्ध मन एक दूसरे से सदभावना से आगे की भावना व्यक्त करते हैं। सबके कल्याण की बात करना हमारे देश की पहचान है। भारत मे तप और तपस्या से सर्वगुण सम्पन्न होने की परम परा है ।महान राजा भगीरथ जी ने तपस्या कर गंगा जी को स्वर्ग से भगवान शिव के जटा से धरती पर हमारे कल्याण के लिए उतारा ।

उसका पवित्र जल से मानव के जन्म से लेकर अंत तक के सभी कार्यक्रम संम्पन हो रहे हैं।

हम गंगा यमुना के जल से अन्न और अन्न से मन  बनाने से अपने अपने जीवन को अच्छा बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं जो उसके अन्न के द्वारा बने मन का दुरुपयोग करने में लगे हैं। वह कभी भी अपने को सुरक्षित महसूस नहीं कर सकते हैं। वह अपने को अपराधी होने यानी मनन न करने वाला पशुओं की श्रेणी  में समलित होने की पुष्टि करता है फिर उसको हमेशा दूसरा व्यक्ति गुलाम बनाते हुए हाँकता है।

। वह अपराधियों में गिने जाते हैं।इसलिए आपने जो अन्न ग्रहण किया है उसका ज्यादा सदुपयोग अच्छे कार्यों में करने के लिए मन लगाना चाहिए।पिछले किये गए बुरे कार्यों को छोड़कर नया जीवन  सुरु करना चाहिए।

इसलिए इसके सुधार के लिए

 सम्मानित नागरिक सदस्यों,हमारे पत्र एवं पोर्टल के सम्मानित पाठकों आप सभी को मेरा  हृदय की गहराई से सादर अभिवादन।

आप सभी से अपील करता है। जो लोग देश,विदेश के विभिन्न महानगरों,शहरों,कस्बों में 

 विभिन्न विभागों,विभिन्न सेवाओं में कार्यरत है उन सभी से सर्वप्रथम  अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की हमेशा जरूरतरहती है।मनन करें कि यदि सब स्वस्थ रहेंगे, सब राजी खुशी रहेंगे तो हर कार्य को हम कर सकते हैं।  कभी कोई किसी बीमारी से ग्रसित न हो ऐसी कामना अपने इष्टदेव बटुक भैरव, माँ भुवनेश्वरी, सेमनागराजा,  बद्रीविशाल से करते है।

क्योंकि समय गतिमान है।

वह गरीबी को बदल देता है,बेरोजगारी दूर कर देता है लेकिन बीमारी सदैव हर इंसान को कमजोर ही करती है। सब कुछ मिल सकता है पर खोया हुआ आदमी नहीं मिलता है।और हाल में फैली महामारी कोरोना कोविद

तो ख़तरनाक है ।

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अतः सतर्कता बरतें और सरकार की एडवाइजरी के मुताबिक अपने खान पान,अपनी यात्राओं और अपने कार्यकलापों को समय से तय करें ।

ताकि कोरोना के संक्रमण की महामारी से हम सभी सुरक्षित रह सकें।

हम ईश्वर से और अपने सभी तैतीस प्रकार के देवी देवताओं से अपने सभी  परिवार ,गाँव, शहर, जिला, मण्डल ,प्रदेश ,देश एवं विश्व के बन्दुओं ,शुभचिंतकों की खुशहाली और आरोग्यता की कामना करते हैं। 

आज लोग इस बीमारी को मज़ाक में ले रहे है वो ये जान लें कि    अबतक सेनिटाइज़ेशन में इटली से हम 100 साल पीछे है और मेडिकल व सिस्टम में अमेरिका से 150 साल पीछे।
इटली में 2978 और अमेरिका में 150 से अधिक एवम् विश्व में 9000से अधिक लोग मर गए है।
 अभी भiरत में ये वायरस सिर्फ रिच और अंडर  रिच श्रेणी के लोगों के परिवार में है।

यदि ये लोवर क्लास ओर मिडल क्लास में घुस गया तो मंज़र भयावह होगा। 

हमें नहीं भूलना चाहिए कि यहां साधारण डेंगू भी महामारी बन जाता है। क्योंकि सिस्टम ही भगवान पर आधारित है।
लिहाज़ा सावधानी बरतें। घर मे रहें। पर्सनल हाइजीन का ज़रूरत से ज़्यादा ध्यान रखें।

एकांत में  ॐ बोलकर ताली बजाते रहे ।अंदर से शरीर में विषाणु से लड़ने की ताकत बढ़ती है।

भारत सरकार  नेे जन जन केे लिए अपील 

है।

सभी ग्राम पंचायतों से आग्रह किया जाता है अपने ग्राम पंचायत के सभी निवासियों को कोरोना वायरस  कोविद 19 के प्रसार को रोकने अथवा कम करने संबंधी सरकारी रणनीति के विषय में अवगत कराएं। आगामी दो सप्ताह सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। सामाजिक दूरी बनाने और हाथों को बार-बार धोने की अपील सभी नागरिकों पर लागू होती है।

चाहे उनमें किसी तरह के संक्रमण का लक्षण हो या नहीं हो। इसमें यह बात भी मायने नहीं रखती कि वह उच्च जोखिम वाले वर्ग (बुजुर्ग अथवा बीमार) का हिस्सा है या नहीं। हमें अपने रहन-सहन एवं आचार-व्यवहार में बदलाव करने की जरूरत है।

अगर हमें सरकार और नागरिकों के सम्मिलित प्रयासों के सकारात्मक परिणाम पाने हैं तो पूरी सख्ती एवं सजगता से सामाजिक दूरी संबंधी निम्न दिशानिर्देशों का पालन करना होगा:

(i ) भीड़भाड़ वाली सार्वजनिक जगहों पर न जाएं;

(ii) दूसरों से पर्याप्त दूरी बनाकर रखें। कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें।

(iii) अनावश्यक और स्थगित की जा सकने वाली यात्रा टाल दें।

(iv) सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें और वहाँ जाने की स्थिति में विशेष सतर्कता एवं सावधानी बरतें।

(v) सामाजिक आयोजनों / वैवाहिक कार्यक्रमों से यथासंभव दूर रहें।

(vi) खरीदारी करने के लिए ऐसे समय निकलें जब भीड़ कम होती है। आप ऑनलाइन या फोन पर भी चीजें मंगा सकते हैं।

(vii) बच्चों को खेलने के लिए बाहर न जाने दें।

(viii) अपने दोस्तों / रिश्तेदारों और नियमित मिलने वाले लोगों को भी सचेत एवं जागरूक करें।

(ix) किसी प्रकार का अफवाह /भ्रम / भय ना फैलाएं।

(x) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट [https://www.mohfw.gov.in/] से विश्वसनीय एवं उपयोगी जानकारी प्राप्त करें और दूसरों के साथ साझा करें। सामाजिक दूरी बनाने के उपायों पर अमल करें; कोरोना वायरस से डरें नहीं, सावधान रहें।

कोरोना वायरस से बचने के लिए

सुधी पाठकों, अगले दो सप्ताह भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं।
यदि हम पर्याप्त सावधानी बरतते हैं और श्रृंखला को तोड़ते हैं तो हम कोरोना वायरस का प्रकोप खत्म कर सकते हैं, वरना हमारे साथ में एक बड़ी समस्या है विशेष रूप से बुजुर्ग आबादी के लिए !
अब तक सब ठीक है। कोरोना वायरस को रोकने के लिए भारत ने अपनी लड़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया है।
अब हम स्टेज 3 में हैं, जिसमें वायरस सामाजिक संपर्कों और सामाजिक समारोहों में फैलता है।
यह सबसे महत्वपूर्ण चरण है और पुष्टि किए गए मामलों की संख्या प्रतिदिन तेजी से फैलती है जैसे कि फरवरी के अंतिम सप्ताह और मार्च के दूसरे सप्ताह के बीच इटली में हुआ था।

300 से 10,000 तक। यदि भारत अगले 3 से 4 हफ्तों तक इस चरण का प्रबंधन करने में सक्षम नहीं होता है,

तो संक्रमित हजारों में नहीं बल्कि लाखों में हो सकते हैं। यह अगले एक महीने के लिए महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि अधिकांश कार्यक्रम और सार्वजनिक समारोहों को 15 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। सिर्फ इसी वजह से स्कूल बंद हैं,

अनिवार्य यात्रा और हॉलिडे बग से बचें। अगले साल छुट्टियां भी आएंगी, इसलिए बच्चों को लेकर कोरोना के साथ अपनी किस्मत ना आज़माएं।
विवाह समारोह, जन्मदिन की पार्टी आदि फिर भी आती रहेंगी, लेकिन ये सोच कर की मुझे कहीं कुछ नहीं होने वाला अपने, अपनों व सामान्य जन के साथ खिलवाड़ ना करें,
पूरी सावधानी बरतें, मेडिकल हिस्ट्री ऑफ इंडिया में अगले 30 दिन सबसे महत्वपूर्ण होंगे।

किसी भी महत्वपूर्ण कार्य के लिए घर पर और बाहर रहते समय सभी सावधानी बरतें।
एहतियात बरतें, घबराऐं नहीं !

अगले एक महीने तक सावधान रहने के साथ दूसरों को शिक्षित करके एक जिम्मेदार नागरिक बनें !

हमारे शास्त्रों में करोना की भविष्यवाणी

वर्तमान में पूरे विश्व को भयभीत करने वाली करोना महामारी की भविष्यवाणी आज से लगभग 10 हजार वर्ष पूर्व “नारद संहिता “में कर दी गई थी यह भी उसी समय बता दिया गया था के यह महामारी किस दिशा से फैलेगी। “भूपाव हो महारोगो मध्य स्यार्धवृष्ट य। दुखिनो जंत्व सर्वे वत्स रे परी धाविनी।।” अर्थात परी धावी नामक संवत्सर में राजाओं में परस्पर युद्ध होगा और महामारी फैलेगी बारिश असामान्य होगी व सभी प्राणी दुखी होंगे। इस महामारी का प्रारम्भ 2019 के अंत में पड़ने वाले सूर्यग्रहण से होगा बृहत संहिता में वर्णन आयाहै।

” शनिश्चर भूमिप्तो स्कृद रोगे प्रीपिडिते जनाः” अर्थात जिस वर्ष के राजा शनि होते है उस वर्ष में महामारी फैलती है ।

विशिष्ट संहिता में वर्णन प्राप्त हुआ के जिस दिन इस रोग का प्रारम्भ होगा उस दिन पूर्वा भाद्र नक्षत्र होगा यह सत्य है के 26 दिसंबर 2019 को पूर्वाभाद्र नक्षत्र था उसी दिन से महामारी का प्रारंभ हो गया था।

क्योंकि चीन से इसी समय यह महामारी जिसका की पूर्व दिशा से फैलने का संकेत नारद संहिता में दे रखा था शुरू हुई थी।

महामारी का अंत। विशिष्ट संहिता के अनुसार इस महामारी का प्रभाव 3 से 7 महीने तक रहेगा परंतु नव संवत्सर के प्रारम्भ से इसका प्रभाव कम होना शुरू हो जाएगा अर्थात भारतीय नव संवत्सर जिसका नाम प्रमादी संवत्सर है ।

जो कि 25 मार्च से प्रारंभ हो रहा है इसी दिन से करोना का प्रभाव कम होना प्रारम्भ हो जाएगा। हमारे धर्मशास्त्रों में सृष्टि के प्रारम्भ से लेकर अंत तक की प्रत्येक भविष्यवाणी की गई है। परन्तु हम भारतीय आज भी पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण कर रहे है आओ पुनः लोटे अपनी संस्कृति की ओर लौटे।

 विश्व के लिए लिखवार गांव स्थित अपने आवास पर  विश्व के कल्याण के लिए पाठ का आयोजन किया।सभी भद्र जन  लोक कल्याण के लिए इस बीच पाठ कर विश्व को भारत महान गुण कारी है।संस्कृति के अनुभव को विश्व में लाभकारी

होने का संदेश दे।

 इस समय का सदुपयोग कर अपने आप चिंतन मनन कर अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित कर अपने अंदर की कमियों को दूरकरने समय है।

 विश्व कल्याण के लिए 22,23 को अपने धार्मिक गावँ लिखवार गावँ टिहरी गढ़वाल में पाठ करने आये हैं। जहां वर्ष 1987 के भयंकर सूखे पड़ने पर ग्रामीणों को रोजगार देने के लिए गंगा यमुना ग्रामीण बैंक लिखवार गावँ  का भवन निर्माण कार्य कर देने का प्रयास करते हुए नीव में 35 LPMपानी फूट पड़ा ।बदरीनाथ

विष्णु भगवान जल के रूप में प्रकट हुए परन्तु समाज के रक्षा करने वाले लोगों ने बैंक लक्ष्मी को नहीं आने दिया।आज इस पवित्र निवास स्थान पर हैं।जगत कल्याण के लिए चिंतन करतेहैं।

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