नौनवेज के कारोबार में मंदीः मीट खाने से नहीं होता कोरोना संक्रमण

Pahado Ki Goonj

देहरादून। कोरोना संक्रमण की दहशत के बीच मटन और चिकन व मछली के कारोबार में भी मंदी की खबरें आ रही हैं। लोगों में यह बात भी फैल रही है कि मीट चिकन खाने से भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है, जबकि डॉक्टर इस तरह के किसी तरह के वैज्ञानिक प्रमाण होने की बात से इंकार कर रहे हैं।
टर्नर रोड स्थित वेलमेड अस्पताल के वरिष्ठ सांस रोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक कुमार वर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण सांस द्वारा फैलने वाला रोग है। इस बात का अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि मीट चिकन खाने से कोरोना का संक्रमण फैलता है। कच्चा मांस खाने से जरूर दूसरी बीमारियां हो सकती हैं, लेकिन इससे कोरोना संक्रमण होने की बात किसी वैज्ञानिक अध्ययन में सामने नहीं आई है। खांसते और छींकते समय जो कण हमारे मुंह या नाक से निकलते हैं, यदि कोई दूसरा व्यक्ति उनके संपर्क में आता है या सांस द्वारा यह कण दूसरे के शरीर में पहुंचते हैं तो कोरोना संक्रमण की आशंका रहती है।
डॉ. विवेक कुमार के अनुसार खांसने या छींकने से वायरस जब हाथ, रुमाल, तौलिये, मास्क या किसी दूसरे कपड़े आदि की सतह पर पहुंचते हैं तो वे 12 घंटे तक जीवित रह सकते हैं। दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से यह वायरस उन्हें भी संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए इसे लेकर सतर्कता बरतने व हाथ और कपड़े को धुलना जरूरी है। हाथ धोने के लिए सेनेटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

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