सचिव दिलीप जावलकर ने सहकारी एवं

Pahado Ki Goonj
  • सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग एवं प्रसक, उत्तराखण्ड शुगर्स दिलीप जावलकर ने सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धकों/अधिशासी निदेशकों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होने निर्देश दिये कि गन्ना सर्वे जी0पी0एस0 पद्धति से कराया जाए। चीनी मिले सम्बंधित गन्ना समिति के साथ समन्वय स्थापित करते हुए गन्ना किसानों को बीज बदलाव कार्यक्रम एवं गन्ना पैदावार मे वृद्धि किए जाने हेतु माइक्रो मैनेजमैन्ट कर अच्छी गुणवत्ता के गन्ने की बुवाई करायी जाये।बैठक में चीनी मिलों के आधुनिकरण किए जाने पर बल दिया जिससे चीनी मिलों के कन्वर्जन लागत में कमी आयेगी। उन्होने कहा कि चीनी मिलों के आधुनिकीकरण किए जाने के उपरान्त विस्तृत डी0पी0आर0 तैयार किया जाए। उन्होने कहा कि डी0पी0आर0 तैयार करते समय इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाये कि मिलों के आधुनिकीकरण के फलस्वरूप मिल को कितने कार्मिकों की आवश्यकता होगी तथा कितने कार्मिकों को कम किया जा सकता है, एवं आधुनिकीकरण के फलस्वरूप कितनी कन्वर्जन लागत आएगी।केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चीनी मिलों को दिये गये निर्देशों के क्रम बैठक में सभी प्रधान प्रबन्धक/अधीशासी निदेशकों द्वारा मिल स्तर पर पूर्ण किये गये एवं गतिमान कार्यों से सचिव, जावलकर को अवगत कराया गया। इस सम्बंध में श्री जावलकर ने निर्देश दिये कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन यथासमय सुनिश्चित किया जाए तथा 15 दिन के जल उत्प्रवाह को संचित किये जाने हेतु लैगून का निर्माण मनरेगा के माध्यम से कराये जाने का प्रयास किया जाए।उन्होने समस्त प्रधान प्रबन्धकों/अधिशासी निदेशकों को निर्देश दिये कि चीनी मिलों के आकस्मिक निरीक्षण के अवसर पर मिल स्तर पर आयोजित गोष्ठियों, गन्ना बीज बदलाव कार्यक्रम एवं चीनी मिलों के कार्यक्रलापों का निरीक्षण किया जाए तथा सभी अभिलेखों की भी जांच की जाए।
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