राधे राधे – आज का भगवद चिन्तन

Pahado Ki Goonj 1

राधे राधे – आज का भगवद चिन्तन

मानसिक आलस्य बहुत खतरनाक होता है। शरीर द्वारा किसी काम को करने की असमर्थता व्यक्त करना, यह शारीरिक आलस्य है। मगर किसी काम को करने से पहले ही यह सोच लेना कि यह काम मेरे वश का नहीं है अथवा किसी काम को करने से पहले ही हार मानकर बैठ जाना, पीछे हट जाना यह मानसिक आलस्य है।
इस मानसिक आलस्य के कारण बहुत लोग दुखी होते हैं, असफल होते हैं और इसी निराशा के कारण डिप्रेशन तक पहुँच जाते हैं। इस मानसिक आलस्य को दूर करने का उपाय है सदचिन्तन, सकारात्मक चिन्तन और अच्छे लोगों का संग।
एक विचार आदमी के संसार को बदल देता है। यदि वह विचार शुभ है तो वह ना केवल स्वयं की प्रगति का कारण बनता है अपितु दूसरे लोगों के जीवन को भी बदलने तक की सामर्थ्य रखने वाला होता है। अतः हमेशा अच्छा सोचो ताकि मानसिक आलस्य से बच सको।

जय श्री श्याम जी  सन्तोष पैन्यूली शास्त्री

One thought on “राधे राधे – आज का भगवद चिन्तन

  1. बहुत सुंदर विचार आने से मन प्रफुलित हो जाता है मुरझाये मन खिल उठते है

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