पूर्व सीएम हरीश को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की अफवाह से कांग्रेस में तूफान

Pahado Ki Goonj

देहरादून। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच कांग्रेस मंगलवार को कांग्रेस को भी एक अफवाह वायरस ने गिरफ्त में ले लिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सीएम हरीश रावत के कुछ समर्थकों ने उनके प्रदेश अध्यक्ष बनने की पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। इसके बाद तो कांग्रेस के भीतर जो तूफान उठा वो दून से दिल्ली तक पहुंच गया। मामला जानकारी में आने के तत्काल बाद ही रावत ने फेसबुक पर इसे अफवाह करार दिया। साथ ही सुनियोजित षड़यंत्र करार देते हुए सायबर एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी शुरू कर दी।मंगलवार सुबह फेसबुक पर एकाएक ही रावत के प्रदेश अध्यक्ष बनने की पोस्ट अपलोड होना शुरू हुई। देखते ही देखते ये वायरल होना शुरू हो गई। गुटीय राजनीति से जूझ रही कांग्रेस में इन पोस्ट की वजह से एकदम ही प्रतिक्रियाएं भी होना शुरु हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए रावत तत्काल ही इन अफवाहों का खंडन करने को आगे आए। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों को झूठा और साजिश करार दिया। यह भी कहा कि वो इस मामले में सायबर एक्ट के तहत कार्रवाई करने भी जा रहे हैं। मालूम हो कि वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस रावत और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह कैंप में बंटी है। अंदरखाने रावत समर्थक मानते आ रहे है कि राज्य में कांग्रेस की कमान रावत को दी जा सकती है। हालांकि यह बात केवल अंदरूनी चर्चाओं में रही है। पर, अभी हाल में यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम रावत को हटाकर सुमित्तर भुल्लर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है, उससे लोगों को इस बदलाव पर भी यकीन होने लगा था। विक्रम रावत के पूर्व सहयोगी रणजीत सिंह के पुत्र हैं। जबकि भुल्लर को रावत कैंप से जुड़ा माना जाता है।आज रावत को लेकर सोशल मीडिया में बधाइयां आने पर प्रीतम कैंप ने तत्काल ही दिल्ली हाईकमान से इन खबरों की तस्दीक कराई। हालांकि हाईकमान ने भी ऐसा कुछ होने से इंकार ही किया है।.                                         वही प्रदेश महामंत्री अतोल सिंह रावत का कहना है कि यह समय किसी को बनाने व हटाने का नहीं है पहले अपने आप एवं जनता को सुरक्षित करें , मेरे द्वारा प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह  से आग्रह किया गया कि इस प्रकार के भ्रामक प्रचार प्रसार करने वालों के विरुद्ध व्यापक स्तर पर जांच होनी चाहिए  जांच होने के उपरांत पुष्टि होने पर  इस प्रकार के लोगों को पार्टी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।

यदि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थक इस प्रकार का गलत प्रचार प्रसार कर कर रहे हैं तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है ऐसी ओछी हरकत से पार्टी अध्यक्ष नहीं बन जाते हैं, कुछ लोगों को पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह की लोकप्रियता रास नहीं आ रही है, इसलिए समय-समय पर इस प्रकार की ओछी हरकतें करते रहते हैं, जिसका दूर-दूर तक सच्चाई से कोई नाता नहीं है।

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