एचआईएचटी संस्थापक डॉ.स्वामी राम की 22 वीं महासमाधि वर्षगांठ समारोह में  पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह होंगे शामिल

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एचआईएचटी संस्थापक डॉ.स्वामी राम की 22 वीं महासमाधि वर्षगांठ समारोह में  पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह होंगे शामिल

13 नवंबर को हिमालयन इंस्टिट्यूट परिसर में होगा भव्य समारोह, तैयारियां तेज

डोईवालाःहिमालयन इंस्टिट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (एचआईएचटी) के संस्थापक डॉ.स्वामी राम के 22 वें महासमाधि वार्षिक समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। जहाँ विश्वविद्यालय की ओर से प्रदेश भर के सैकड़ों निर्धन व मेधावी छात्र-छात्राओं को छात्रवृति दी जाएगी। वहीं संस्थान के कर्मचारियों को बेहतर कामकाज के लिए पुरस्कृत किया जाएगा।

एचआईएचटी के अध्यक्षीय समिति के सदस्य व स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि ट्रस्ट के संस्थापक डॉ.स्वामी राम जी के 22वीं महासमाधि वर्षगांठ का कार्यक्रम भव्य होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संस्थान में व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। डॉ.धस्माना ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। संस्थान से उनका पुराना जुड़ाव है ।करीब 24 साल  पहले साल 1994 में जब वह वित्त मंत्री थे तब उन्होंने हॉस्पिटल की ओपीडी का उद्घाटन किया था। इसी कड़ी में स्वामी राम मानवता पुरस्कार से इस बार मध्य प्रदेश, उज्जैन की सामाजिक संस्था सेवाधाम आश्रम के सुधीर भाई गोयल को सम्मानित किया जाएगा। सेवाधाम’ को यह सम्मान बेसहारा बच्चे व वरिष्ठ जनों के सामाजिक उत्थान के क्षेत्र में किए गए अहम योगदान के लिए दिया जाएगा। उन्हें गोल्ड मेडल, प्रशस्ति पत्र तथा पांच लाख रुपये का नगद पुरस्कार भी दिया जाएगा। साथ ही स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय सहित प्रदेशभर के करीब सकैड़ों छात्र-छात्राओं को छात्रवृति बांटी जाएगी। इस दौरान संस्थान से जुड़े कर्मचारियों को बेस्ट इंप्लवाई अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इसके बाद दोपहर में भंडारा आयोजित किया जाएगा। शाम को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में देश-विदेश से स्वामी जी के हजारों अनुयायी भी शिरकत करेंगे।

स्वामी जी विलक्षण  सिद्ध  पुरूष प्रतिभा के धनी  हाजिर जबाब  में शकुन की अनुभूति देने  केलिये सदैव प्रशन्न रहते हुए ,स्वामी राम जी  सही मायने में माह योगी ,महा पुरुष दुनिया का दुख दर्द को समझने एंव उसके निराकरण करने के लिये जीवन पर्यन्त कार्य करते हुए महान कर्म योगी  बन कर अमर होगये। ।

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