मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, स्वामी चिदानन्द सरस्वती , अनील जोशी ने चाँद पत्थर क्षेत्र में किया वृक्षारोपण

Pahado Ki Goonj

 

नादियों के किनारे, पेड़ लगे प्यारे, हाथ लगे सारे
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी,  अनील जोशी जी ने चाँद पत्थर क्षेत्र में किया वृक्षारोपण

नादियों के किनारे, पेड़ लगे प्यारे, हाथ लगे सारे

धारा बने देश की विचार धारा-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश,  अगस्त। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, पर्यावरणविद  अनील जोशी एवं स्कूली बच्चों ने चाँद पत्थर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया। श्रावण मास में वृक्षारोपण कर धरती के हरियाली से श्रृंगार करने का संदेश दिया।
इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि हमारी आज की यह यात्रा निर्णय से निश्चय की यात्रा, नीर से नारायण की यात्रा, हम इच्छा करे पर एक्शन न करे तो कुछ नहीं बदलता, निर्णय करे तो कुछ-कुछ बदलता है लेकिन निश्चय करेगे तो सब कुछ बदलता है और यही निश्चय किया है इस प्रदेश के कर्मयोगी मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र रावत ने, रिस्पना से ऋषिपर्णा की यात्रा के साथ-साथ गंगा में मिलने वाली हर नदी की यात्रा है। आज की यह यात्रा गंगा भोगपुर देहरादून से गंगा की यात्रा है। चाँद पत्थर क्षेत्र से निकलने वाली यह धारा गंगा धारा बनेगी। अब हर गाद-गदेरे और हर धारा को स्वच्छ रखना जरूरी है और इसकी जिम्मेदारी उसके आस-पास के हर परिवार, हर घर और मोहल्ले, क्षेत्र और गांवों की है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि यात्रा कहीं और से नहीं बल्कि अपने से, अपने घर से और अपने गांव से करनी है क्योंकि गांव बदलेगा; गांव स्वच्छ रहेगा तो गंगा भी बदलेगी और स्वच्छ भी रहेगी। स्वामी जी ने कहा कि हमें गंगा को नहीं बदलना है बल्कि हमें स्वयं को बदलना है। हम गंगा में, अपनी गांवव की नदी में जो डाल रहे है उसे बंद करना है। नदियों को स्वच्छ रखने के लिये उनके किनारों पर ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाये, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, जलाशयों का निर्माण, प्लास्टिक का उपयोग न करे, कूडा-कचरा और प्लास्टिक को जलाना बंद करे क्योंकि यह मनुष्य के फेफड़ों को, परिवार को, बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है तथा वातावरण को प्रदूषित करती है।
स्वामी जी ने कहा कि अगर वातावरण प्रदूषित होगा तो आप जो श्वास ले रहे है उसके माध्यम से प्रदूषित हवा आपके शरीर में जायेगी, उन्होने कहा कि बात सांस को बदलने की नहीं है बल्कि उसके आस-पास जो वातावरण है उसको बदलने की है। हर सांस में एक संकल्प लेने की है। सांस के माध्यम से ही वातावरण में फैला जहर हमारे शरीर में जाता है जिससे बीमारियां उत्पन्न होती है। अतः इस चाँद पत्थर से निकली यह धारा हमें चांद बनने की शिक्षा देती है। उन्होने सभी का आह्वान करते हुये कहा कि आईये इस गांव से गंगा की यात्रा में गंगा से गंगा सागर की यात्रा में सहभाग करे और देश की नदियों और सहायक नदियों को स्वच्छ करने में योगदान प्रदान करें।
स्वामी जी महाराज ने कहा कि यह डोइवाला विधानसभा का अतिंम गांव पूरे प्रदेश को वृक्षारोपण का और नदियों को स्वच्छ करने का संदेश दे रहा है।
इस अवसर पर अनेक संस्था प्रमुख, सरकारी अधिकारी, स्कूली छात्र-छात्रायें और उस क्षेत्र के गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। स्वामी जी महाराज ने वहां उपस्थित सभी लोगों को नदियों को स्वच्छ रखने और वृक्षारोपण करने का संकल्प कराया

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