बहुत शुक्रगुजार हूँ आप सभी सामाजिक राजनीतिक मीडिया संगठनो की जो लगातार मेरी इस लड़ाई में मेरे साथ खडे है -शीला रावत

Pahado Ki Goonj

बहुत शुक्रगुजार हूँ आप सभी सामाजिक राजनीतिक मीडिया संगठनो की

मै यूसैक में 7 साल से नियमित रूप से कार्य कर रही थीं औऱ मुझे अचानक बाहर का रास्ता दिखा दिया। बीना किसी नोटिस के कारण जानने की बहूत कोशिश बहुत कोशिश की यहाँ तक मुख्यमंत्री के कर्यालय से लेकर विभाग के सचिव तक ज्ञानत हो की ये विभाग मुख्यमंत्री जी पास है लेकिन कोई कुछ बताने को तैयार नही था मैं
पिछले करीब दो माह से अपने अधिकारों के प्रति अकेली लड़ रही थी तो 13/4/2018 विवश हो कर, कार्यालय के बाहर धरने पर बैठना पड़ा।
फिर अपनी पीड़ा सोशल साइड्स/व्यक्तिगत रूप से बयां की तो, कुछ ही देर में विभिन सामाजिक/राजनितिक संगठनों से जुड़े लोग समर्थन को पहुंच गये। जिनमें, सुनीता भट्ट जी, ज्ञानेंद्र कुमार जी, सुधीर बुटोला जी, राजेंद्र सिंह नेगी जी, विपिन नेगी जी सुरेश नेगी जी,डॉ अनुपमा जी योधराज त्यागी, मधु बिष्ट जी, सी पी शर्मा जी, कमला बहुगुणा जी, विजय जुयाल जी, गायत्री टमटा जी, सहित उक्रांद केंद्रीय प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट जी,केंद्रीय महामंत्री जय प्रकाश उपाध्याय जी, महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री जी, राजेश प्रधान,जी विजय कुमार जी,ललित घिल्डियाल जी, राजू बिष्ट जी, कैलाश राणा जी, ललित कुमार जी आदि रहे।
उक्रांद कार्यकर्ताओं ने औऱ साथ लोगों ने कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और मुझे न्याय ना मिलने पर उक्रांद औऱ सभी साथी लगातार 3 दिन से मेरे साथ खडे है मैं उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी,उक्रांद औऱ सभी को बहुत बहुत ध्यानबाद देती हूँ जो मुझसे पैहले पहुँच गए थे औऱ मुझे पूरा विश्वास है कि जब तक मुझे न्याय नही मिल जाता है आप सब मेरा साथ देंगे। मैं बहुत शुक्रगुजार हूँ आप सबकी बिभिन्न सामाजिक संगठन मीडिया की जो लगातार मेरी इस लड़ाई में मेरे साथ खडे है औऱ मुझे विश्वास है । आप लोग सब मेरा साथ देगे । अब ये लड़ाई केवल शीला रावत की नही है ये लड़ाई उन सब महिलाओं/लड़कियों की हैं जिनको जॉब से एक साजिश से निकला जाता हैं क्योंकि हम जैसे महिलाएं ना ही घंटों तक किसी अधिकारी के केबिन बैठी रहती है और ना ही किसी अधिकारी के साथ घूमने जाती है और न ही किसी फरमहिश को पूरा करती है इसलिए हम जैसे महिलाओं /लड़कियों का आर्थिक स्रोत को खत्म करके हमारा मानशिक शोषण किया जाता है हमें अपमानित किया जाता है हम जैसे महिलाओं /लड़कियों को डराने के लिये अधिकारी अपने पद की गरिमा को भी तार तार कर 100 नम्बर पे पुलिस बुला कर अपनी महानता समझते है । लेकिन इनको याद रखना चाहिए की जब हम क़भी नहीं झुकें तो आपलोगो के इस महानता के आगे भी नही झुकेंगे। एक बार फिर आप सबका बहुत बहुत धन्यबाद

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