अपनी संस्कृति बचायें ज़मीन पर बैठकर खाना खाने से लाभ उठायें

Pahado Ki Goonj

अपनी संस्कृति बचायेंज़मीन पर बैठकर खाना खाने से लाभ उठायें

प्राचीनकाल से चली आ रही ज़मीन में खाने की परंपरा को आज लोग नकारने लगे हैं या यूं कहें कि ज़मीन पर बैठकर भोजन करने में वे अब शर्मिंदगी महसूस करने लगे हैं। कुर्सी टेबल पर बैठकर खाना खाना सभ्य और ज़मीन पर बैठकर खाना खाने की परंपरा को असभ्य मानकर अस्वीकार करने लगे हैं।
जमीन पर बैठ कर खाने से वज़न कम होता है, पाचन क्रिया ठीक रहती है, दिल स्वस्थ रहता और दिमाग़ तनाव रहित रहता है। ज़मीन पर पर बैठकर खाना खाते समय हम लोग सुखासन की स्थिति में होते हैं, यह पद्मासन का ही एक प्रकार है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फ़ायदेमंद है।

आइए ज़मीन पर बैठकर भोजन करने के फ़ायदों के बारे में जानें।

*1. पाचन क्रिया ठीक रहती है*
ज़मीन पर बैठकर खाना खाते समय हम लोग सुखासन की मुद्रा में बैठते हैं। इस योग मुद्रा में बैठकर खाना खाने से खाना सही तरह से पच जाता है। ज़मीन पर बैठकर भोजन करते समय निवाला उठाते वक़्त आगे की ओर झुकते हैं और फिर निवाला निगलने के बाद पहले वाली पोजिशन में आना जाते हैं। ऐसा बार-बार करने से पेट की मांशपेशियां एक्टिव हो जाती हैं और खाना तेज़ी से पचने लगता है।
इस मुद्रा में बैठने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं भी कम हो जाती हैं।

*2. वज़न कंट्रोल करें*
ज़मीन पर बैठकर खाना खाते समय आप सुखासन की अवस्था में बैठते हैं, जिससे दिमाग़ अपने आप शांत हो जाता है। ज़मीन पर बैठकर खाने से पेट और दिमाग़ को सही समय पर एहसास हो जाता है कि आपने भरपूर खा लिया है और आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं। जिससे आपका वज़न कंट्रोल रहता है।

*3. रिश्तों में मिठास को बढ़ाएं*
जब पूरा परिवार एक साथ ज़मीन पर बैठ कर भोजन करता है। तो इससे रिश्तों में मधुरता आती है और आपसी प्यार बढ़ता है।

*4. शरीर को लचीला बनाएं*
ज़मीन पर बैठकर खाते समय जब आप पद्मासन की मुद्रा में बैठते हैं, तो आपकी पीठ और पेट के आसपास की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। जिससे शरीर में लचीलापन बना रहता है।

*5. गठिया रोग से बचाए*(ये बचपन से जो नीचे बैठते है उनके लिए ज्यादा असरकारी है)

ज़मीन पर बैठकर खाना खाते समय
पद्मासन और सुखासन की मुद्रा में होते हैं। यह एक ऐसी मुद्रा है जो न केवल हमारे पाचन तंत्र को ठीक रखती है, बल्कि जोड़ों को कोमल और लचीला बनाती है। इस लचीलेपन से जोड़ों की चिकनाई बनी रहती है, जिससे आगे चलकर उठने-बैठने में दिक्कत नहीं होती है और हड्डियों के रोग, जैसे ओस्टियोपोरोसिस और आर्थराइटिस की समस्या से भी बचे रहते हैं।

*6. मन को शांत करें*
जब हम लोग ज़मीन पर बैठकर सुखासन की मुद्रा में खाना खाते हैं। तो दिमाग़ तनाव रहित और शांत अवस्था में रहता है।

*7. हार्ट को हेल्दी बनाएं*
ज़मीन पर बैठकर खाना खाने से हमारे शरीर में रक्त का संचार अच्छे से होता है और हृदय बड़ी सहजता से सभी पाचन अंगों तक ख़ून पहुंचाता है, क्योकि निवाला लेने के लिए जो झुकने की क्रिया होती है उससे डायाफ्राम पर एक प्रेशर पड़ता है और इससे दिल की प्रक्रिया पर भी एक पॉजिटिव प्रेशर बनता है। इसलिए ज़मीन पर बैठकर भोजन करें और हार्ट को हेल्दी बनाएं।

आज से ही ज़मीन पर बैठकर भोजन करें और इसका लाभ उठायें।

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