पढें मुख्य मुख्य खबरों के साथ साथ मुख्यमंत्री ने शहीद हवलादार  राजेन्द्र सिंह ,प्रशांत ठाकुर के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

Pahado Ki Goonj

देहरादून,मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सैनिक कालोनी, अम्बीवाला, देहरादून में 11 वीं गढ़वाल रायफल्स के शहीद हवलदार राजेन्द्र सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उनके परिजनों को सात्वना दी। उन्होंने कहा कि हवलदार राजेन्द्र सिंह के पार्थिव देह को ढ़ूढ़ने के लिए जवानों ने काफी मेहनत की थी। रक्षा मंत्री जी और सेना अध्यक्ष से भी इस संबंध में बात हुई थी। मुख्यमंत्री पहले भी हवलदार राजेन्द्र सिंह के पिता और पत्नी से मिले थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शहीद राजेन्द्र सिंह के परिवारजनों को दर्या सहायता राशि दी जाएगी। उनकी पत्नी को उनकी शैक्षिक योग्यता के आधार पर राजकीय सेवा में नौकरी दी जाएगी।
इस अवसर पर विधायक हरवंश कपूर, गणेश जोशी, सहदेव सिंह पुण्डीर और सैन्य अधिकारियों ने हवलदार राजेन्द्र सिंह के पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

आगेपढें

स्वच्छ महोत्सव में तीसरा ‘‘बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट’’ बना उत्तराखण्ड
*‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ के परिणाम जारी, उत्तराखण्ड के निकायों का शानदार प्रदर्शन*
*मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने प्राप्त किये राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार*
‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण -2020’’ में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर तीन पुरस्कार प्राप्त किए गए। उत्तराखण्ड राज्य द्वारा 100 से कम शहरी निकायों वाले राज्यों की श्रेणी में ‘‘बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट’’ से तीसरा स्थान प्राप्त किया। नगर पंचायत नंदप्रयाग ने देशभर की एक लाख से कम आबादी वाली निकायों में से ‘‘सिटिजन फीडबैक श्रेणी’’ में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। छावनी क्षेत्र अल्मोड़ा द्वारा ‘‘सिटिजन फीडबैक श्रेणी’’ में तीसरे स्थान पर रह कर राज्य को तीसरा पुरस्कार दिलवाया। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत एवं शहरी विकास मंत्री  मदन कौशिक ने ये पुरस्कार प्राप्त किये ।
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले निकायों को बधाई देते हुए कहा कि निकायों इसी मनोयोग से आगे कार्य करना होगा। स्वच्छता के क्षेत्र में अभी बहुत सुधार की गुंजाईश है। उन्होंने कहा कि राज्य के शहरों एवं निकायों की रैंकिंग में अच्छा सुधार हुआ है। इसमें और बेहतर प्रदर्शन किये जाने पर उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के स्वच्छ भारत मिशन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। स्वच्छता के बल पर हम अनेक बीमारियों से बचाव सकते हैं।
शहरी विकास मंत्री  मदन कौशिक ने कहा मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार नगरीय क्षेत्रों हेतु अत्यधिक गंभीरता से कार्य कर रही है। नगर निकायों को और भी अधिकार सम्पन्न बनाने एवं उनकी आय अर्जन के नए स्रोतों के विकास हेतु भी राज्य पर लगातार किया गया है। हमने निकायों को कहा कि स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखते हुए कार्य किए जाएं। यहां तक कि 14वें और 15वें वित्त आयोग के तहत निकायों को प्रदान किए जाने वाले अनुदान को भी सबसे पहले स्वच्छता कार्यों हेतु उपलब्ध करवाने संबंधी स्पष्ट दिशा – निर्देश जारी किए गए। इसका सीधा असर स्वच्छ सर्वेक्षण में हमारे प्रदर्शन पर पड़ा है।
नगरीय स्वच्छता की अखिल भारतीय प्रतियोगिता ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ के बहुप्रतीक्षित नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। इस ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण’’ में उत्तराखण्ड राज्य की नगरीय निकायों तथा छावनी परिषदों द्वारा विभिन्न श्रेणियों में शानदार प्रदर्शन किया गया है। आज ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ के परिणामों तथा ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2021’’ का टूलकिट जारी करते हुए मा0 केन्द्रीय मंत्री, आवसन और शहरी कार्य मंत्रालय (स्वतंत्र प्रभार), भारत सरकार,  हरदीप सिंह पुरी द्वारा वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से पुरस्कार वितरित किए गए। वर्षभर चलने वाली इस राष्ट्रव्यापी प्रक्रिया में देशभर के 4242 नगरों एवं 62 केन्ट बोर्ड द्वारा प्रतिभाग किया गया। गत वर्ष तक ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण’’ के परिणामों को राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता रहा है। इस वर्ष कोविड -19 संक्रमण के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में इस आयोजन को एन0आई0सी0 के सहयोग से वर्चुअल प्लेटफार्म पर ऑनलाईन आयोजित किया गया।
एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में उत्तराखण्ड का स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है। वर्ष 2019 के स्वच्छता सर्वेक्षण में देहरादून का स्थान 384, रूड़की का 281, काशीपुर का 304, हल्द्वानी का 350, हरिद्वार का 376 एवं रूद्रपुर का 403वां स्थान था। जबकि 2020 में देहरादून का 124वां, रूड़की का 131वां, काशीपुर का 139, हल्द्वानी का 229, हरिद्वार का 244 एवं रूद्रपुर का 316 स्थान आया है। 50 हजार से अधिक एवं एक लाख से कम जनसंख्या वाले नगरों में रामनगर का नार्थ जोन के शहरों में 18वां, जसपुर का 56वां एवं पिथौरागढ़ का 58वां स्थान आया है। 25 हजार से 50 हजार से तक की जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में नार्थ जोन में नैनीताल का 68वां एवं सितारगंज को 106वां स्थान प्राप्त हुआ है। 25 हजार से कम जनसंख्या वाले नगरों की श्रेणी में मुनि कि रेती का 12वां, उखीमठ का 41वां, भीमताल का 50वां एवं नरेन्द्रनगर का 58वां स्थान आया है। देश भर के कुल 92 गंगा निकायों में उत्तराखण्ड से गौचर ने तीसरा, जोशीमठ ने चौथा, रूद्रप्रयाग ने पांचवा, श्रीनगर ने छटवां, गोपेश्वर ने आठवां, मुनि कि रेती ने 11 वां, बड़कोट ने 12वां , कर्णप्रयाग ने 13 वां, कीर्तिनगर ने 18वां, देवप्रयाग ने 20 वां, नन्दप्रयाग ने 22वां व टिहरी ने 28 वां स्थान प्राप्त किया।
शहरी विकास मंत्री  मदन कौशिक द्वारा राज्य की निकायों को बेहतर मार्गदर्शन करने तथा ‘‘स्वच्छ सर्वेक्षण – 2020’’ में उत्कृष्ट कार्य करने वाली राज्य स्तरीय पी0एम0यू0 टीम को भी पुरस्कार प्रदान किया गया। अपर निदेशक शहरी विकास  अशोक कुमार पाण्डे, संयुक्त निदेशक  कमलेश मेहता, अधीक्षण अभियंता,  रवी पाण्डेय, राज्य मिशन प्रबंधक,  रवि शंकर बिष्ट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं आई0ई0सी0 विशेषज्ञ, कमल भट्ट, एम0आई0एस0 विशेषज्ञ, राकेश कुमार, कनिष्ठ सहायक, उपेन्द्र सिंह तड़ियाल एवं अनुज गुलाटी को यह पुरस्कार प्रदान किए गए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, नगर पंचायत अध्यक्ष नन्द्रप्रयाग श्रीमती हिमानी वैष्णव, सचिव शहरी विकास  शैलेश बगोली, निदेशक, शहरी विकास,  विनोद कुमार सुमन, जिलाधिकारी चमोली श्रीमती स्वाती भदौरिया, जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन भदौरिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी छावनी परिषद् अल्मोड़ा श्रीमती आंकाक्षा तिवारी आदि उपस्थित थे।

आगेपढें
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत से गुरूवार को मेयर देहरादून  सुनील उनियाल गामा एवं मुख्य नगर आयुक्त  विनय शंकर पाण्डेय ने शिष्टाचार भेंट की।

मुख्यमंत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण- 2020 में देहरादून शहर को रैंकिंग में मिले सुधार के लिये उन्हें बधाई दी। स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में देहरादून शहर को 124वां स्थान प्राप्त हुआ है जबकि 2019 के सर्वेक्षण में शहर को 384वां स्थान प्राप्त था।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने मेयर देहरादून एवं मुख्य नगर आयुक्त के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश ने गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष स्वच्छता में काफी सुधार किया है, जो सर्वेक्षण के एक साल में आये 260 अंकों के उछाल से स्पष्ट होता है। स्वच्छता के क्षेत्र में अभी काफी कुछ किया जाना है। पिछले वर्ष के मुकाबले शहरों ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने इसके लिये समेकित प्रयासों की भी जरूरत बतायी।
मुख्य नगर आयुक्त ने मुख्यमंत्री को बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में प्रदेश के सभी नगर निगमों में देहरादून को प्रथम तथा नगर निकायों में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को आस्वस्त किया कि देहरादून में स्वच्छता के प्रति विशेष ध्यान दिया जायेगा। इसके लिये सभी स्तरों पर कारगर प्रयास किये जा रहे हैं।

आगेपढें
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को आर्मी हॉस्पिटल देहरादून में जम्मू कश्मीर के बारामुला में शहीद हुए प्रशांत ठाकुर के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
सिरमौर, हिमांचल प्रदेश निवासी शहीद प्रशांत ठाकुर की शहादत को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमांचल व उत्तराखण्ड के वीर जवान देश की सुरक्षा के लिये सदैव अग्रणी रहे हैं। हमें अपने इन वीर सपूतों पर गर्व है। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत के साथ ही विधायक  गणेश जोशी ने भी शहीद प्रशांत ठाकुर के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पिति कर श्रद्धांजलि दी।

आगेपढें

टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्रों के 9 गांवों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की अधिसूचना हुई जारी।

शासन द्वारा जनपद देहरादून के टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र पशुलोक ऋषिकेश के सात गांवों तथा जनपद हरिद्वार के टिहरी विकास नगर एवं टिहरी बन्द्राकोटी को राजस्व ग्राम बनाये जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा इन गांवों के निवासियों की वर्षो पुरानी मांग पर गत माह ही इन गांवों को राजस्व ग्राम बनाये जाने की स्वीकृति प्रदान की थी। टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र के गांवों को राजस्व ग्राम बनाये जाने सम्बन्धी अधिसूचना जारी किये जाने पर विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द ने गुरूवार को मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र से भेंट कर उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राजस्व ग्राम बनाये जाने से इन गांवों के निवासियों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है। राजस्व ग्राम बनने से ग्राम वासियों को सभी सरकारी योजनाओं, ग्राम पंचायतों के गठन आदि की सुविधायें उपलब्ध हो सकेगी।
सचिव राजस्व  सुशील कुमार द्वारा जारी अधिसूचना के साथ राजस्व ग्राम बनाये गये इन गांवों- ग्राम मालीदेवल, विरयाणी पैंदार्स, असैना, लम्बोगड़ी गोजियाड़ा, सिरांई, सिरांई राजगांव, डोबरा, टिहरी विकास नगर एवं टिहरी बन्द्राकोटी में सम्मिलित किये गये गाटों की संख्या, क्षेत्रफल व नक्शा भी अधिसूचित किया गया है।
अधिसूचित राजस्व ग्रामों में टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र पशुलोक के ग्राम माली देवल में निर्मल ब्लाक ए व ए (ई) की 90.19 एकड़ भूमि सम्मिलित होगी जबकि ग्राम विरयाणी पैंदार्स में निर्मल ब्लाक ए की 64.69 एकड़ भूमि, ग्राम असैना में श्यामपुर ब्लाक ए 62.07 एकड़ भूमि, ग्राम लम्बोगडी गोजियाड़ा में निर्मल ब्लाक सी व श्यामपुर ब्लाक सी की 107.40 एकड़ भूमि, ग्राम सिरांई में कृषि निर्मल ब्लाक बी, आवासीय निर्मल ब्लाक बी-पार्ट-2 की 85.11 एकड़ भूमि, ग्राम सिरांई राजगांव में कृषि निर्मल ब्लाक बी, आवासीय निर्मल ब्लाक बी-पार्ट-1 की 69.61 एकड़ भूमि तथा ग्राम डोबरा में श्यामपुर ब्लाक बी की 38.14 एकड़ भूमि सम्मिलित होगी।
इसी प्रकार हरिद्वार जनपद के टिहरी बांध परियोजना विस्थापित क्षेत्र पथरी भाग 3 के पूर्व एवं पश्चिम क्षेत्र के ग्राम टिहरी विकास नगर में आदर्श टिहरी नगर के 365 गाटों की 871.58 एकड़ भूमि तथा ग्राम टिहरी बन्द्राकोटी में आदर्श टिहरी नगर के 104 गाटों की 227 एकड़ भूमि शामिल हैं।
सचिव राजस्व द्वारा आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद् से नवगठित राजस्व ग्रामों से सम्बन्धित विवरण जनपद की सम्बन्धित तहसील भवन तथा सम्बन्धित ग्रामों के प्रमुख स्थान पर चस्पा कराने के साथ ही सम्बन्धित अभिलेखों में इन्द्राज कराने की भी अपेक्षा की है।

आगेपढें
मुख्यमंत्री ने देहरादून की विभिन्न पेयजल योजनाओं के लिये दी रू. 238 करोड़ की स्वीकृति

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने जनपद देहरादून की विभिन्न पेयजल योजनाओं के लिये लगभग 238 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। जिन पेयजल येजनाओं के लिये मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है उनमें जनपद देहरादून की विश्व बैंक पोषित गुमानीवाला पेयजल योजना हेतु निर्माण कार्यों हेतु रूपये 16.50 करोड़ एवं संचालन व रखरखाव हेतु रूपये 4.81 करोड़, जीवनगढ़ पेयजल योजना के निर्माण कार्य हेतु रूपये 48.90 करोड़ एवं संचालन व रख रखाव हेतु रूपये 15.30 करोड़, ऋषिकेश देहात पेयजल योजना के निर्माण कार्यों हेतु रूपये 67.25 करोड़ एवं संचालन तथा रख-रखाव हेतु रूपये 15.00 करोड़, नत्थनपुर पेयजल योजना के निर्माण कार्यों के लिये रूपये 54.77 करोड़ एवं संचालन तथा रख-रखाव हेतु रूपये 15.85 करोड़ की धनराशि शामिल है।

Next Post

दिल्ली की खबरों में पढें, एक साथ पांच-पांच वायरस का कहर, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीक़े

दिल्ली में एक साथ पांच-पांच वायरस का कहर, जानिए इसके लक्षण और बचाव के तरीक़े नई दिल्ली, देश की राजधानी एक साथ पांच-पांच वायरस से जूझ रही है। कोरोना वायरस ने तो कहर बरपा ही रखा है, बारिश के मौसम में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के […]

You May Like