अध्यक्ष के.के.डिमरी ने मुख्यमंत्री रावत से शिष्टाचार  भेंट की।

Pahado Ki Goonj
मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सड़क सुरक्षा जैसे गंभीर मामले पर हमें तकनीकि पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के प्रयास करने होंगे इसके लिये समेकित प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी। उन्होंने बच्चों से सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी रखने के साथ ही इसके प्रति सजग रहने की भी अपेक्षा की।
शनिवार को स्थानीय सेंटजोसेफ एकेडमी में पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति कितनी गंभीर है, यह इससे ज्ञात हो जाता है कि वर्ष 2016 में देश में 4 लाख 80 हजार 652 सड़क हादसें हुए, जिनमें 1.50 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई है। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों से जनहानि तो होती ही है। इसके मुआवजे व वाहनों के नुकसान से देश की जीडीपी 3 प्रतिशत तक बर्बाद हो जाती है। यदि इस नुकसान को कम किया जा सकें तो देश की जीडीपी 10 प्रतिशत पहुंच सकती है।
  मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र ने कहा कि सड़क हादसों में कमी के लिये सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है। इसके लिये रास्ते निकालने के बजाय रास्ते बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम कानून बनाने से दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा सकते है, किन्तु उन्हें रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में 33 प्रतिशत बच्चे होते है जिसमें 50 प्रतिशत की मृत्यु होती है। दुर्घटनाओं का खामियाजा माता-पिता को भुगतना पडता है। बच्चों को ध्यान रखना होगा कि यदि उन्हें अपने माता-पिता को खुश रखना है, तो वे उनका कहना माने, वाहन चलाते या सड़क पर चलते हुए यातायात नियमों का पालन करें। माता-पिता को भी अपने बच्चों की यातायात नियमों आदि की अनदेखी पर उनका विरोध करना चाहिए। जो माता-पिता अपने बच्चों को सड़क नियमों का पालन करने की नसीहत देते है एसे माता-पिता को भी सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति बच्चों में चेतना जगाने की जरूरत है। हमे इम्फोर्समेंट के बजाय जागरूकता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र द्वारा पुलिस विभाग की ट्रैफिक वेबसाइट का भी लोकार्पण किया। उन्होंने पुलिस महानिदेशक, सचिव शिक्षा, परिवहन आयुक्त, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री आशीष श्रीवास्तव, पदमश्री अवेधैश कौशल, पूर्व डीजीपी सुश्री कंचन चैधरी भट्टाचार्य, कार दुर्घटना में घायल विकलांग श्री वरूण जैन आदि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि यातायात की समस्या पूरी व्यवस्था को प्रभावित करती है। प्रदेश में वाहनों की संख्या निस्तारण बढ रही है। 2001 में 45 हजार वाहन प्रदेश में जिनकी संख्या आज 25 लाख हो गई। पर्यटन प्रधान प्रदेश होने के नाते हमें सड़क सुरक्षा के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर सड़क सुरक्षा के प्रति किये जा रहे प्रयासों के सम्बन्ध में परिवहन आयुक्त श्री डी.सैन्थिल पांडियन द्वारा परिवहन विभाग तथा एडीजी श्री अशोक कुमार द्वारा पुलिस विभाग के प्रयासों का प्रस्तुतीकरण किया गया। शिक्षा सचिव डाॅ.भूपेन्दर कौर ओलख ने भी अपने विचार रखें।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह सहित परिवहन, पुलिस व शिक्षा आदि विभागों के अधिकारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ ही बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। अध्यक्ष के.के.डिमरी ने शिष्टाचार  भेंट की
मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष श्री के.के.डिमरी ने शिष्टाचार  भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को उत्तराखण्ड में कार्यरत यू.पी. विकल्पधारी शिक्षकों की विभिन्न समस्याओ से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र ने उनकी समस्याओं से अवगत होते हुए आश्वासन दिया कि शिक्षकों को उत्तर प्रदेश में कार्यभार ग्रहण करने  में आ रही कठिनाई के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य   पी.के.यादव, शेर सिंह, गौरी शंकर, अशर्फी लाल, प्रवीण जुयाल, राजेश भट्ट आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री से उनके आवास कैम्प कार्यलय में सभी लोग भेंट करें
मुख्यमंत्री  त्रिवेंद्र सिंह रावत के विशेषकार्याधिकारी  अभय सिंह रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री से मुलाकात करने हेतु आने वाले सभी आगंतुक, मंत्रीगण, विधायकगण एवं अन्य महानुभाव अब मुख्यमंत्री आवास के स्थान पर मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में भेंट करेंगे।
कार्यालय परिसर में मुख्यमंत्री से भेंट करने हेतु आने वाले मंत्रीगण, विधायकगण एवं शासन प्रशासन के उच्चाधिकारियों के वाहन कार्यालय परिसर की पार्किंग में स्थान उपलब्धता के आधार पर आ सकते हैं। इसके साथ ही अन्य निजी वाहन कार्यालय परिसर के बाहर सुरक्षा दृष्टिकोण से खड़े किए जायेंगे।
उन्होने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय स्टाफ के वाहन व जिन अन्य वाहनों की अनुमति दी गई है, ऐसे वाहन पार्किंग स्थल पर खड़े किए जाएंगे।
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