ओरेगनो की औरग्निक खेती के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नाम यस पी नॉटियाल का पत्र

Pahado Ki Goonj

परम श्रद्धेय मुख्यमंत्री जी,  स्थान देहरादून 17जुलाई2020
सादर प्रणाम।

महोदय,

कोरोना महामारी के कारण पहाड़ों में लौटे “प्रवासियों के रोजगार के लिए शुरू होगी योजनाएं” का मंथन आपके, मंत्रिमंडल, उपसमिति व पलायन आयोग के स्तर पर चल रहा है। सैकड़ों सुझाव सरकार को मिल भी रहे होंगे। सर उक्त विषय के लिए मेरा सुझाव व तथ्य आपके चिंतन व क्रियान्वयन हेतु निम्न प्रकार से है:-

• ओरेगनो (Oregano) एक हर्ब है, यह पिज्जा हर्ब के नाम से भी जाना जाता है। इसका उपयोग खाद्य उद्योग (food industry) द्वारा किया जाता है। इसमें औषधिया उपयुक्तता होने के कारण दवाइयों के काम में भी आता है। मशाला बोर्ड भारत (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की एक संस्था) ने इसे मशाला की सूची में भी रखा है।

• Morocco, Italy, Poland, Albania, Turkey, इस हर्ब के मुख्य उत्पादक देश हैं। उत्तराखंड भी मुख्य उत्पादक राज्य बन सकता है यदि सरकार मेरे सुझावों पर चिंतन करें।

• ओरेगनो की फसल पानी वाली जगह हो पाती है अर्थात पहाड़ में ‘सेरा’ में या सिंचाई के लिए सुविधाजनक स्थान पर ।

• वर्तमान में ओरेगनो की खेती पहाड़ के कुछ स्थानों पर अनुवधित खेती के रूप में हो रही है जिसे अधिकांशतः महिला समुह कर रही है। इस फसल की कटाई करने के उपरांत प्रोसेसिंग यूनिट के फील्ड स्टाफ द्वारा 4 घंटे के अंदर अपने प्लांट में पहुंचाना होता है। किसान द्वारा फसल को काटकर प्रोसेसिंग यूनिट (क्रेता) के फील्ड स्टाफ को खेतों के नजदीक पडने वाली रोड साइड पर सुपुर्द करना होता है। वजन भी किसानों के सामने ही कर दिया जाता है तथा कंपनी किसानों को भुगतान बैंक के माध्यम से करती है।

• ओरेगनो कि एक बार पौध लगाने के बाद अगले दो-तीन साल तक नई पौध लगाने की आवश्यकता नहीं होती है तथा एक साल में तीन-चार बार कटाई हो जाती है।

• वर्तमान में पहाड़ में कई गांवों की सेरा की जमीन भी पलायन के कारण बंजर पड़ी है। अब लोग अपने गांव लौट रहे हैं, उनमें से कई लोग अपनी खेती-किसानी व अन्य व्यवसाय भी करेंगे अर्थात अब पलायन नहीं करेंगे । उन लोगों के लिए ओरेगनो की खेती भी एक विकल्प है जिसके लिए सरकार उन लोगों को प्रोत्साहित करने व सुविधा के लिए निम्न प्रयास करें जिससे यह वापस आए लोग सेरा की बंजर/आबाद जमीन पर ओरेगनो हर्ब कि खेती करके अपना जिविका उपार्जन कर सकें।

1. उक्त हर्ब की खेती सर्वश्री फ्लेक्स फूड, लाल तप्पड़ देहरादून के फील्ड स्टाफ की देख-रेख में कि जाती है तथा इसी कंपनी को अनुबंध के तहत बेचते हैं। सरकार कंपनी से बात करें कि यह कंपनी छोटे-छोटे प्रोसेसिंग यूनिट पहाड़ों में लगाए जिससे उन किसानों के खेतों में भी ओरेगनो खेती शुरू हो जाएगी जिनके यहां से 4 घंटे में माल नहीं पहुंच सकता जैसे चमोली, पौड़ी, कुमायूं मंडल ।

2. कंपनी का रेट कम है, इन किसानों को प्रति कुंटल प्रोत्साहन राशि सरकार की तरफ से दिया जाये।

3. सेरा की बंजर खेतों को आबाद करने के लिए प्रति नाली ‘one time’ आधार पर प्रोत्साहन/ आबाद करने हेतू राशि देने पर भी विचार किया जाए जिससे वह व्यक्ति पहाड़ में टिके।

4. ओरेगनो ‘सगंध पौध’ है अतः सगंध पौध केंद्र, सेलाकुई से बात कि जाए कि वे भी पहाड़ में इसका विकास करें व प्रोसेसिंग यूनिट लगाएं जिससे किसानों को उनकी उपज का सही भुगतान मिल सके।

5. महिला व पुरुष समुह को प्राथमिकतायें दी जाए।

6. इसमें निवेश करने की राशि बहुत कम है, जैसी शुरू में बंजर खेत आबाद करना, पावर टेलर/ बैलों की खरीद, जंत जोड़ पर ही राशि व्यय होगी।

7. मशाला बोर्ड भारत द्वारा भी निश्चित रूप से प्रसार हेतु रिसर्च किया होगा। पहाड़ में संभावनाएं देखते हुए राज्य सरकार बोर्ड से बातचीत करें।
8. स्वयं /सरकार की प्रोसेसिंग यूनिट होंगे तो किसान दिल्ली/मुंबई के खुले बाजार में बेच सकता है जहां से उसे अच्छी आमदनी हो जाएगी।

9. सरकार ओरेगानो के मुख्य उत्पादक देशों का अध्ययन भी कर ले तो उचित होगा जिससे एक सुदृढ़ स्थाई नीति बनाने में मदद मिलेगी।

10. कौशल विकास कार्यालयों व NGO की सेवाएं भी प्रशिक्षण तथा फसल की देख-रेख व क्रेताओं से समन्वय के लिए ली जा सकती है।

What Positive change your Suggestion will bring: पहाड़ लौटे युवाओं को रोजगार मिलेगा, अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। पलायन में कमी होगी

How to Implement: सरकार मेरे उक्त सुझाव व तथ्यों पर चिंतन करते हुए क्रियान्वयन करें तथा समाचार पत्रों व कृषि विभाग/विकासखंड के माध्यम से ओरेगनो की खेती के लिए लोगों को प्रोत्साहित करें।

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