टिहरी बांध से बना काला पानी छेत्र प्रतापनगर के निवासी का दर्दभरा THDC के नाम पत्र

Pahado Ki Goonj

2400 मे0वाट बिजली बनाएगा  बांध भरने में  95 साल  लगेंगें तब तक कष्ट झेलेंते झेलते प्रतापनगर के क्या हाल होंगे ।

अभी टिहरी बांध से देश को 1400 मेघावाट बिजली दिल्ली उत्तरप्रदेश के 70लाख लोंगो को पीने का पानी,3.50लाख हेक्टर उत्तरप्रदेश की अतिरिक्त जमीन की सिंचाई  कर राष्ट्र को खुशहाल बना रहा है ।  बाँध से लगभग 14 करोड़ों रुपये की रोज बिक्री होरही है । शुद्ध लाभ 8 करोड़ प्रति दिन  का है ।वहीं प्रतापनगर की जनता thdc के अधिकारीयों ,राज्य सरकार की इच्छा शक्ति के अभाव में जनता को कष्ट भोगना पड़ रहा है।  बांध बनवाने के लिए thdc अधिकारीयों कर्मचारीयों जनता पर कर्ज़ चढ़ा कर  गाड़ी,मकान  की शुभिधाएँ देने के लिए पूर्व अध्यक्ष एंव प्रबंधन निदेशक यस पी सिंह ने उदारता से सब का साथ सबका विकास के लिए काम किया । उनसे सम्पादक मेरी प्रतापनगर के विकास के लिए बहुतसी बातें हुईं। एक प्रकार से  बांध बनाने में लोगों रोजगार देश के विकास की हिमायत करने वाले लोगों में रहा। जिसमें जिला बनाने के लिए धन देने सम्बंधित भी रही पर  जिसके लिए राज्य सरकार का काम उन्होंने कहा है।  उस समय 1992 -1993 सरकार योजना आयोग की मंजूरी नहीं देरहा था ।निगमों के कर्ज लेकर बांध का काम चलाना पड़ रहा था।18अक्टूबर1992 -93 उन्होंने कहा कि हमे 75 मेघवाट बिजली  टनल 3,4 से मिल सकती है 10%अतिरिक्त उत्पादन भी हो सकता है जिससे   रोज आमदनी के भी मिलसकती थी  लगभग 3 अरब रुपये की इनकम  के लिये कर्मचारियों का कोई व्यय भार बाहन नहीं करना पड़ता क्योंकि सभी प्रकार के बिजली उत्पादन से सम्बंधित  अधिकारी बांध में हैं ।जिससे हमारा बिजली का खर्चा बच सकता है और काम चलाया जाता उसकी भी मंजूरी योजना आयोग ने नहीं दे रहा है । ऊपरबैठे लोगों की सोच का अंदाजा  आपके द्वारा लगाया जा सकता है।उनका thdc से जाना  भी प्रतापनगर के लिए  ठीक नही रहा।जनता की आंदोलन में बांध बनाने से पूर्व के 10lakh धन देने की मांग  जनता ने की । इसके  लिए मनुष्य मनन कर बोलता है तो मनुष्य की श्रेणी में आता है मनन न कर बोलने वाले लोग पशुओं की श्रेणी में जाने वाले समझे जाते हैं ।वह अपने पेट पालने के लिए पशुओं के हांकने वाले के हवाले जैसे हो दुनिया में समझे जाते हैं ।10 लाख प्रति पूर्ति की मांग के लिए छेत्र की जनता सितम्बर 2005से लामबंद  हुई  27 नवम्बर 2005 को पैन्यूली जी संदेश मासिक पत्रिका के प्रवेशांक में  सम्पादक जीतमणि पैन्यूली  ने समस्या  का एकही समाधान है प्रतापनगर जिला बनाना ।उसके लिए धन टिहरी बांध के बजट से दिया जाना कोई बड़ी बात नहीं है ।उसके प्रकाशन के बाद छात्र नेता भान सिंह नेगी ,चंद्रभान बगियाल सीधे भूख हड़ताल पर लम्ब गावँ में26जनवरी2006 से बैठ गए।उनको समर्थन देने में सभी बुद्धि जीवी, जिला पंचायत सदस्य ,प्रधान ,सामाजिक कार्यकर्ता ओं ने आंदोलन  चलाया ।6फरवरी2006 तक सारे इलाके के लोग तबाह होगये 10 लाख सब ने मांगे  पर आंदोलन आगे नहीं बढ़ा, कहावत कहते हैं । कुछ लोगों का चेंजो के हाथ चौथार फटने का काम अपने स्वार्थ सिद्ध करने का रहा है । बाहर जाते हुए सुनाया करते थे कि प्रतापनगर वालो को 10 लाख मिलने वाले थे क्या हुआ।तब 2005 से चल रहे आंदोलन को 1जुलाई2008 को चावड़ बैंड पर  टिहरी बांध प्रभावित संघर्ष समिति प्रतापनगर गाजणा छेत्र  के संयोजक  के नाते  लोगो को 5लाख प्रति परिवार प्रति पूर्ति  के लिए आंदोलन करियों के साथ  संवेदनशील मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक सरकार ने समझौता किया। वह प्रस्ताव मुख्यमंत्री  मेज़र जनरल री भुवन चन्द्र खंडूरी  की सरकार में  ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार को  पत्र 5जनवरी 2010 को भेजा गया । सांसद विजय बहुगुणा जी ने  पत्र भेजा  पर जिले बनाने के लिए कहा पऱन्तु मुख्यमंत्री पद पर रहते बना नहीं पाये ।पुनः 2014 में मा  मुख्यमंत्री हरीश रावत जी द्वारा भेजा गया है। वह अस्थिर रही ,परन्तु सही पैरवी के लिए माहौल बनाने के लिए पहाड़ों की गूंज प्रत्येक अंक में उस प्रस्ताव का प्रकाशन कर रहे हैं। नई टिहरी में टिहरी बांध से सम्बंधित सर्व मान्य कमेटी के रूप में मत्री नगर विकास  प्रीतम सिंह पंवार  की अध्यक्षता में बैठक में संयोजक के नाते प्रस्ताव किया कि बांध प्रशासन  मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए  टिहरी बांध से बना काला पानी छेत्र प्रतापनगर के निवासी को 5लाख  प्रति पूर्ति कौशल विकास के लिए व्याज सहित दी जाय । यह बैठक के मिनट में लिखा गया है ।अब यह  लोकप्रिय सरकार के द्वाराअपना अंश  दिया जाना चाहिए या केंद्र सरकार से मदद लेनी चाहिए ताकि राज्य सरकार को केंद्र, एंव उत्तरप्रदेश की बड़ी भागीदारी से  जनता अपने जीवन को जीने के लिये होरही परेशानीयों को कम करने में सहायक होसके यह मामला1000 करोड़ का है जो प्रति व्यक्ति 50हजार होता है बड़ी बात सरकार के लिए नहीं है । परेशानी से इसका दर्द दिखाई दे रहा है ।  5 लाख प्रतिपूर्ति देते हुए 98 साल के लिए प्रतापनगर को जिला बनाया जाय  तो सभी सुभिधा वहां मिल सकेगी। नव निर्वाचित प्रतिनिधियों को बधाई देते हुए । यह कष्ट दूर करने के लिए आगे आएं

इस परेशानी से THDC के नाम आम नागरिक की समस्याओं से भरा पत्र

सेवा में
श्रीमान T.H.D.C. अभियंता सरंक्षक
विषय——-
महोदय आपको अवगत कराना चाहता हूँ कि टिहरी झील के बसे गांवों में *डेंगू,मलेरिया,स्क्रब टाइफस* जैसे कई अन्य जानलेवा बीमारी बहुत तेजी से फैल रही है ।
झील के आसपास गांवों *(जणगी,भैंगा,चौंधार,मोटणा,चांठी,नकोट,रौलकोट, भलड़ियाना)* और भी बहुत से गांवों में लोग डेंगू से पीड़ित है कई कई गांवों में 20-20 लोग डेंगू,टाइफड़ जैसे बीमारी से ग्रसित हैंं ।
*THDC* महोदय और जिलाधिकारी टिहरी से आग्रह है कि समय समय टिहरी झील में और आसपास के गांवों कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करते रहे ।
और दूसरी अहम बात जब पीड़ित लोग हॉस्पिटलों में जा रहे है तो मान्यवर अस्पतालों में उनके पास न कोई मेडिसिन और न कोई टेस्टिंग किट है जो बहुत दुर्भयाग की बात है ।
अतः आप लगातार क्षेत्रो में THDC, NGO,सरकार द्वारा *स्वास्थ्य कैंप* की सुविधाएं भी दुरुस्त कराएं ।
जिससे क्षेत्रवाशियों को सही समय पर सही इलाज मिल पाए ।
धन्यवाद ।।
*अजीत पंवार चौंधार (अज्जु)*
फोन नं- 9568941278
रैका पट्टी प्रतापनगर (टि. ग.)
UKD – जिलासचिव देहरादून

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