18वाँ दिवस के धरने को समर्थन देने आगे आए छात्र राजनीति के पुरोधा

Pahado Ki Goonj

18वाँ दिवस पर राजधानी निर्माण अभियान के धरने को समर्थन देने आगे आए छात्र राजनीति के पुरोधा

उत्तराखंड महिला मंच की संयोजिका कमला पंत सहयोगियों के साथ पहुंची धरना स्थल

देहरादून (गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान धरना स्थल से) 04.10.2018| उत्तराखंड प्रदेश की राजधानी गैरसैण बनाने की मांग को लेकर जारी धरना कार्यक्रम व आगे की रणनीति को समर्थन देने में छात्र संगठन खुलकर सामने आने लगा हैं| देर रात्रि और आज के दिवस पर कई छात्र नेता और समाज कर्मी धरना स्थल पर पहुंचे| डीएवी महाविद्यालय के महासचिव शूरवीर सिंह चौहान ने धरना स्थल पर पहुँचकर अनिश्चित कालीन धरना कार्यक्रम को समर्थन प्रदान करते हुए कहा कि राज्य आंदोलनकारियों के कठिन शहादत व संघर्ष से उत्तराखंड राज्य बना है, और जब तक गैरसैण राजधानी नहीं बनाई जाती संघर्ष का बिगुल बजता रहेगा| उत्तराखंड के सबसे बड़े महाविद्यालय में पूर्व महासचिव रह चुके विपुल गौड़ ने कहा कि छात्र शक्ति को जब भी गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान बुलाएगा और जो भी आदेश देगा उसको पूर्णत: अनुपालित किया जाएगा| इसी महाविद्यालय में पूर्व महासचिव भगवती प्रसाद ने कहा कि समय आ गया कि गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान को महाविद्यालयों के भीतर से जाया जाए ताकी राज्य आंदोलन के शब्दों के सपना साकार हो सके| एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष नित्यानंद कोठियाल ने कहा कि राजधानी गैरसैण आंदोलन को गैर राजनीतिक चश्मे से देखा जाना चाहिए| और विभिन्न संगठनों को खुलकर गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान के समर्थन में खड़े होना चाहिए| डीएवी महाविद्यालय के पूर्व महासचिव सचिन थपलियाल ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश को सही दिशा गैरसैण राजधानी निर्माण करने पर ही मिलेगी| मेरठ विश्वविद्यालय के छात्र नेता अंकित थपलियाल ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन की तर्ज पर प्रवासी उत्तराखंड के लोगों को भी गैरसैण राजधानी अभियान से जोड़ा जा रहा है| उत्तराखंड आंदोलन में रामपुर तिराहा में गोली खाने वाले आंदोलनकारी मनोज ध्यानी ने छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि सन् 94 का उत्तराखंड आंदोलन विश्वविद्यालयों से निकला आंदोलन था, और वह फलीभूत हुआ| और यदि छात्र शक्ति राजधानी निर्माण के संघर्ष में भी खुलकर आती है तो बहुत मुमकिन है कि 09 नवम्बर राज्य स्थापना दिवस तक सरकार चेत जाए और स्थाई राजधानी का सपना साकार हो जाए| हिन्दी भवन के समक्ष चल रहे धरना कार्यक्रम के प्रमुख संयोजनकर्ता लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने सभी छात्रों व युवाओं का स्वागत किया| वरिष्ठ नेतृत्वकारी पूर्व सैनिक पीसी थपलियाल ने कहा कि छात्रों को इस आंदोलन की अगुवाई करनी चाहिए| उन्होंने आश्वस्त किया कि पूर्व सैनिक गैरसैण के पक्ष में खड़े हैं| युवा नेता सुरेश नेगी ने कहा कि छात्र-युवा और महिला शक्ति मिलकर गैरसैण राजधानी निर्माण का सपना साकार करेंगे| गैरसैण राजधानी आंदोलन के साथ पहले दिन से जुड़े मदन भंडारी ने कहा कि हम सब आंदोलनकारी शक्तियों को एक मुट्ठी बन कर आगे बढ़ना होगा| देर सांय धरना स्थल को समर्थन देने उत्तराखंड महिला मंच की संयोजिका कमला पंत और जिलाध्यक्ष निर्मला बिष्ट पहुंची| उन्होंने कहा कि सर्व संगठन मिलकर गैरसैण राजधानी निर्माण को मंजिल तक पहुंचाएंगे| श्रीमती पंत ने आंदोलन को वैचारिक दिशा प्रदान करने व राज्य अवधारणा के अनुरूप मिलकर कार्य करने पर बल दिया| धरना कार्यक्रम मे सहभागिता करने व अभियान को समर्थन देने वालों में *डीएवी महाविद्यालय के वर्तमान महासचिव शूरवीर सिंह चौहान, डीएवी महाविद्यालय के तीन तीन पूर्व महासचिव भगवती प्रसाद, विपुल कोठियाल, सचिन थपलियाल, एनएसयूआई के जिलाउपाध्यक्ष नित्यानंद कोठियाल, उत्तराखंड महिला मंच की संयोजिका श्रीमती कमला पंत, जिलाध्यक्ष श्रीमती निर्मला बिष्ट, सचिव शकुंतला गुसांई, शूरवीर सिंह नेगी, आशुतोष ममगाई, जयनारायण बहुगुणा, जयकृत कंडवाल, सुरेश नेगी, मदन भंडारी, मनोज ध्यानी, मुख्य संयोजनकर्ता लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, पूर्व सैनिक पीसी थपलियाल, जगमोहन मेहंदीरत्ता, जगदीश कुकरेती आदि रहे।

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