सहसपुर के प्रधान का कारनामा 19 50000 रुपए बैंक में नहीं कराए जमा गबन की आशंका

Pahado Ki Goonj

 सहसपुर देहरादून,आरटीआई से हुआ खुलासा ग्राम पंचायत सहसपुर के प्रधान का कारनामा 19 50000 रुपए बैंक में नहीं कराए जमा गबन की आशंका,,,,,,, आरटीआई एक्टिविस्ट अमर सिंह कश्यप द्वारा खंड विकास अधिकारी कार्यालय सहसपुर जिला देहरादून से दिनांक 18 अक्टूबर 2018 को पांच बिंदुओं की सूचना सहसपुर ग्राम सभा में हाट बाजार की नीलामी से प्राप्त आय और उस से कराए गए कार्यों के विवरण आदि की सूचना चाही गई थी पहले तो लोक सूचना अधिकारी ग्राम प्रधान नुसरत द्वारा सूचना ही प्राप्त नहीं कराई गई प्रथम अपील हुई उसमें अपने लिए लोक सूचना अधिकारी द्वारा 15 दिन के भीतर सूचना देने का आदेश पारित किया गया लेकिन ग्राम प्रधान नुसरत के द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किया गया और सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई मामला राज्य सूचना आयोग में पहुंचा राज्य सूचना आयोग ने ग्राम प्रधान सहसपुर नुसरत बेगम तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी कृपाराम जोशी को कड़ी फटकार लगाते हुए 15 दिन के भीतर सूचना देना तथा 25,25 हजार रुपे की सास्ती क्यों ना आरोपित की जाए इसका स्पष्टीकरण मांगते हुए आदेश पारित किया जिसमें 15 दिन के भीतर ग्राम प्रधान द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना का अवलोकन के उपरांत कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए इसमें हाट बाजार से ग्राम पंचायत को हुई आय के अनुपालन में ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी द्वारा भारी वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं सूचना के अवलोकन से ज्ञात हुआ कि विगत 5 वर्षों में ग्राम सभा सहसपुर को हाट बाजार की नीलामी से ₹6520000 की आमदनी नीलामी से हुई है जिसमें दिनांक 16 एक 2014 को बुक संख्या 565 की रूप पत्र संख्या 60 काटा गया है और इसमें दर्शाई गई धनराशि ₹31000 बैंक में जमा नहीं कराई गई इसी प्रकार 77 2015 को बुक संख्या 565 रूप पत्र संख्या 80 को काटा गया है और इसमें दर्शाई गई ₹148000 की धनराशि को बैंक में जमा नहीं कराया गया है 233 2017 को बुक संख्या 565 रूप पत्र संख्या 94 में दर्शाई गई धनराशि ₹350000 बैंक में जमा नहीं कराए गए इसी प्रकार 11-7-2018 को बुक संख्या 4247 का रूप पत्र संख्या दो एक ही नंबर के दो रूप पत्र काटे गए हैं वह पत्र का बारीकी से अवलोकन करने पर पाया गया रूप पत्र में ओवरराइटिंग कर वर्ष 2017 का वर्ष 2018 किया गया है या 2018 का वर्ष 2017 लिखा गया है जो कि स्पष्ट नजर आता है और उसमें लिखित दोनों रूप पत्रों में दर्शाई गई दो ₹200000 200000 रुपए की धनराशि को बैंक में जमा नहीं कराया गया है साथ ही वर्ष 2018 में ही बुक संख्या 4247 के रूप पत्र संख्या 12 दिनांक 28-05-2018 को ₹200000 तथा रू पत्र संख्या 14 दिनांक 12 7 2018 को ₹90000 और वो पत्र संख्या 14 दिनांक 18 साथ 2018 को ₹200000 तथा रूप पत्र सिंह के 18 दिनांक 31-10-2018 को ₹100000 एवं पत्र संख्या 19 दिनांक 27 12 2018 ₹150000 और वर्ष 2019 बुक संख्या 42 47 केरु पत्र संख्या 23 दिनांक 06-03-2019 के ₹400000 तथा रूप पत्र संख्या 24 दिनांक 11-3-2019 कोकाटे गए रूप पत्र मैं दर्शाए गए ₹400000 भी बैंक में जमा नहीं कराए गए इस प्रकार कुल रुपए 19 लाख 21 हजार ग्राम प्रधान द्वारा रूप पत्र काटने के बावजूद बरसों तक अपने आप इस्तेमाल किए और बैंक में जमा नहीं कराए गए जिसमें इस रुपए को गबन किए जाने का अंदेशा प्रतीत होता है जो जांच का विषय है शीघ्र ही इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों तथा सक्षम एजेंसी से कराने के लिए पत्राचार किया जाएगा क्योंकि वर्तमान वित्तीय वर्ष के ₹815000 अभी हाट बाजार के ठेकेदार पर शेष हैं जिसका रूप पत्र कांटा जाना तय है क्योंकि इसबार वर्ष 2019 मैं हाट बाजार की नीलामी 16 लाख 15 हजार रुपए की दर्शाई गई है जिसमें चार चार लाख के दो रूप पत्र कटे हैं शेष धनराशि ₹815000 को प्राप्त किया जाना शेष दिखाया गया है इस विज्ञप्ति के माध्यम से मीडिया के संज्ञान में लाना है की उपरोक्त में दर्शाए गए रूप पत्रों को काटे जाने के उपरांत बैंक में जमा नहीं कराया जाना भारी वित्तीय अनियमितता है यह सरकारी धन के गबन का सीधा मामला है जो आईपीसी की धारा 403 404 409 के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है जिसमें निरुद्ध व्यक्ति को 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है और ग्राम प्रधान सहसपुर द्वारा किया गया यह कृत्य इस श्रेणी में आता है जिसका खुलासा आरटीआई के तहत प्राप्त सूचना से हुआ है ,सहसपुर से आरटीआई एक्टिविस्ट अमर सिंह कश्यप की रिपोर्ट अधिक जानकारी के लिए कृपया मेरे मोबाइल नंबर 8126 9740 81 पर संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है

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