रक्षा क्षेत्र और रेलवे क्षेत्र में 100 % विदेशी निवेश की नीति के कारण घट चुके रोजगार की समीक्षा कीजिए

Pahado Ki Goonj

देश को बेरोजगारी से निजात दिलाने के लिए, सर्वाधिकार रोजगार प्रदत्त करने वाले रक्षा क्षेत्र और रेलवे क्षेत्र में 100 % विदेशी निवेश की नीति के कारण घट चुके रोजगार के अवसरों पर समीक्षा व विमर्श करें राजनीति दल

देहरादून 28 मार्च 2019| आज गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का संघर्ष स्थल पर जारी धरना को 194वाँ दिन हो गए| आज गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने राजनीतिक दलों से इस बात की मांग उठाई है कि वर्तमान लोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल इस बात पर चर्चा करें कि रक्षा क्षेत्र और रेलवे क्षेत्र, जो दो प्रमुख रोजगार मुहैया कराने वाले क्षेत्र हैं, उनमें 100% विदेशी पूंजी निवेश के कारण जो रोजगार के अवसर घटे हैं उसकी भरपाई कैसे हो| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान नें देश के अंदर बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि देश के राजनीतिक दलों को इस बात की ओर विमर्श को आगे बढ़ाना चाहिए कि आखिर रक्षा क्षेत्र और रेलवे क्षेत्र जो की सर्वाधिक रोजगार के अवसर युवाओं को मुहैया कराते थे आखिर उन पर 100% पूंजी निवेश का क्या असर पड़ा है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने मांग की है कि राजनीतिक दल इस बात पर केंद्रित हो यह सहमति बनाएं कि यदि बहुत जरूरी हो तभी विदेशी निवेश को देश में आमंत्रित करें और यह सुनिश्चत कराएं कि प्रत्येक ऐसा निवेश भारत में युवाओं के लिए कितने रोजगार के अवसर पैदा कर पाएंगे| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि डीआरडीओ के वैग्यानिकों द्वारा मिशन शक्ति का सफल प्रशिक्षण सिद्द करता है कि स्वदेशी को ही राष्ट्र को अपनी प्राथमिकता प्रदान करनी चाहिए| रेलवे क्षेत्र और रक्षा क्षेत्र में 100% पूंजी निवेश के नीति का खामियाजा राष्ट्र के युवाओं को भुगतना पड़ा है अतः इस प्रकार की लागू नीतियों पर ही चुनावों में गंभीर विमर्श करने की गुंजाइश बनती है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान *गैरसैंण के सवाल को लेकर और साथ में बढ़ती बेरोजगारी पर नोटा की नीति* पर आगे बढ़ने की अपनी नीति पर कायम रहने की बात दोहराई है| आज 192वाँ दिवस का धरना कार्यक्रम में उपस्थिति देने वालों में मदन भंडारी, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, हर्ष प्रसाद मैंदोली, विजय सिंह रावत, इंद्रजीत रावत, राकेश चंद्र सती, शीला रावत, पी.एस. रांगण, सुबोध कुमार, कृष्णकांत कुनियाल, विमल सिंह, गुरमेल सिंह, मनोज कुमार बडोला, संजय रावत, रविंद्र प्रधान, पुष्कर नेगी, आचिन बहुगुणा सोहन सिंह रावत, सी.के भट्ट, के के भंडारी, दीपक नेगी, अंकित कुकरेती, राजेश कुमार, सुबोध रतूड़ी, सुभाष रतूड़ी, मनोज ध्यानी, श्रीमती ज्योत्सना असवाल, प्रदीप बौंठियाल, प्रकाश चन्द्र गौड़, नवीन सती आदि उपस्थित थे|

 

*देहरादून में राहुल और रुद्रपुर में मोदी रैली में स्थाई राजधानी गैरसैंण की उपेक्षा से सिद्द हुआ काँग्रेस- भाजपा एक ही थाली के चट्टे-बट्टे| गैरसैंण विरोधी मानसिकता है पहाड़ विरोधी मानसिकता; नोटा विकल्प पर नहीं करेंगे अब कोई समझौता|*

देहरादून 29 मार्च 2019| आज गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का संघर्ष स्थल पर जारी धरना को *195वाँ दिन* हो गए हैं| आज गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने इस बात पर क्षुब्धता प्रकट करते हुए कहा है कि देश के प्रधानमंत्री ने रुद्रपुर रैली में गैरसैंण स्थाई राजधानी के सवाल को जिस प्रकार से छुआ तक नहीं है, इससे सिद्ध हो रहा है कि कांग्रेस और भाजपा एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं| और इन दोनों ही दलों को प्रदेश की जनता की विकराल रूप ले रही समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है और पहाड़ के लोगों के हितों से इन्हें कोई वास्ता नहीं है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि कुछ दिन पूर्व देहरादून के परेड ग्राउंड की रैली में कांग्रेस के अध्यक्ष  राहुल गांधी जी ने गैरसैंण के प्रश्न को नहीं छुआ था और यही कुछ रुद्रपुर में प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी की रैली में भी दोहराया गया है| यह इस बात का प्रमाण देती है कि राज्य के दो प्रमुख राजनीतिक दलों जो कि उत्तराखंड में शासन सत्ता में बनी रहती हैं, आपसी मिलीभगत के माध्यम से जन आकांक्षाओं के मुद्दे पर खामोश बैठी हुई हैं| जिसमें गैरसैण जैसे अति महत्वपूर्ण विषय के साथ साथ बेरोजगारी और सभी नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं देने के प्रश्न सम्मिलित हैं| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने मांग की है कि अविलंब स्थाई राजधानी गैरसैंण बनाने पर घोषणा की जाए एवम् वहां पर ढांचागत विकास के ठोस कार्य प्रारंभ किए जाएं| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने यह भी मांग की है कि चूंकि राजनीतिक दल यह छाती पीटते थकते नहीं हैं, कि उनके प्रयास से उत्तराखंड आद ऊर्जा प्रदेश के रूप में शुमार है अत: प्रत्येक उत्तराखंडी नागरिक को नि:शुल्क बिजली-पानी व सभी ग्रामों तक सड़क आदि की सुविधाएं मुहैया कराई जाएं| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि सरकार का मूलभूत बुनियादी सुविधाओं और चिंताओं पर मौन धारित रहना बेहद चिंता का विषय है, जिसे उत्तराखंड के नागरिक मंजूर नहीं करेंगे और अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर इस बार नोटा पर बटन दबाकर अपनी नाराजगी की अभिव्यक्ति करेंगे| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि सरकार को इस बात पर आंख नहीं मूंदनी चाहिए कि जिस प्रकार से प्रदेश के बेरोजगार संगठन, असम राइफल्स के अर्ध सैनिक और अन्य कई ग्रामीण क्षेत्रों से चुनाव में नोटा की बात जबरदस्त रूप में उठ रही है, वह प्रदर्शित करती है कि सरकार के स्तर पर जो भी कार्य हैं, या तो वह दलाली और कमीशनखोरी की भेंट चढती हैं अथवा उससे आवाम पूरी तरह से असंतुष्ट है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान उन सभी हिमालय सरकारों के जन संगठनों से नोटा पर केंद्रित होकर उत्तराखंड के क्षेत्रीय मुद्दों पर एक मुट्ठ होने का आह्वान करती है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने कहा है कि 2018 से प्रारंभ गैरसैंण आंदोलन के द्वारा कांग्रेस-भाजपा को प्रदेश से उखाड़ फेंकने के लिए दीर्घकालिक क्षेत्रीय राजनीति पर काम करना प्रारंभ करें, जिसके लिए नोटा ही आज सर्वोत्तम विकल्प 2019 में है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने दोहराया है कि अब नोटा पर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और भाजपा-कांग्रेस समेत वह सभी दल जो गैरसैंण पर मौन रह रही हैं को नोटा के द्वारा सबक सिखाया जाएगा| आज *193वाँ दिवस* का धरना कार्यक्रम में उपस्थिति देने वालों में मनोज ध्यानी , सीके भट्ट, संजय किमोठी, हर्ष प्रसाद मैंदोली, विजय सिंह रावत, सचिन थपलियाल, कमल कांत, कृष्णकांत कुनियाल, राकेश चंद्र सती, मनोज कुमार बड़ोला, जेपी बहुगुणा, रविंद्र प्रधान, रमेश जुयाल, जगजीत सिंह नेगी, भुवन जोशी, प्रसाद थपलियाल, राजेश कुमार, सुरेश नौटियाल, प्रशांत रावत आदि उपस्थित थे।

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