बीएचयू की लड़कियों ने पूछा- क्या वोट तक ही सीमित हैं मां, बहन, बेटी?

Pahado Ki Goonj

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में पिछले एक हफ़्ते से मचे हंगामे के बाद वहां महिला छात्रावासों की तमाम समस्याएं सामने आ रही हैं.

छात्रावासों में रहने वाली छात्राओं का कहना है कि न सिर्फ़ हॉस्टल की बल्कि कैंपस के भीतर तमाम छात्राओं की परेशानियां हैं, जिन्हें अक़्सर उठाया जाता है लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती.

इन छात्राओं को इस बात का भी मलाल है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी शहर से लोकसभा में गए हैं बावजूद इसके वो परिसर में ख़ुद को असुरक्षित महसूस करती हैं.

छात्राओं का ये भी कहना है कि परिसर में तमाम तरह की बंदिशें हैं और उनका जरा सा भी उल्लंघन होने पर गार्ड्स और वॉर्डन की ओर से ये कहा जाता है कि अब उनकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं है.

बीएचयू की कुछ छात्राओं ने विश्वविद्यालय परिसर और छात्रावासों के अपने कुछ अनुभव बीबीसी से साझा किए हैं. इन छात्राओं का कहना है कि उनकी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक भी पहुंचनी चाहिए ताकि वो यहां की छात्राओं के ‘मन की बात’ जान सकें.

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