एक सप्ताह में एक लाख से भी ज्यादा तीर्थयात्री कर चुके हैं गंगोत्री यमुनोत्री धाम के दर्शन।

Pahado Ki Goonj

एक सप्ताह में एक लाख से ज्यादा तीर्थयात्री कर चुके हैं गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के दर्शन।

 उत्तरकाशी ।  (मदन पैन्यूली)                                            उत्तरकाशी  जिले में स्थित गंगोत्री एवं यमुनोत्री दो धामों में अब तक एक लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। बारिश के बाद भी तीर्थ यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद एक सप्ताह में इतनी भारी तादाद में यहां यात्री पहुंचे से लोगों में खुशी है।गत 7 मई को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर यमुनोत्री एवं गंगोत्री धाम के कपाट देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए थे। कपाट खुलने के दिन से ही दोनों धामों में तीर्थ यात्रियों का हुजूम उमड़ रहा है। आपदा के बाद से इतनी बड़ी तादाद में यात्रियों की संख्या पहली बार देखने को मिल रही है। कपाट खुलने के बाद देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि से यात्रा मार्गों तथा धाम क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले सभी व्यवसायियों के चेहरों पर खुशी है तथा सभी बड़े उत्साह के साथ अपने कार्यों में जुटे हुए हैं। विभिन्न व्यवसायों से जुड़े व्यवसायियों को उम्मीद है कि आपदा के बाद से इस बार उन्हें अच्छा व्यवसाय मिलने की उम्मीद है।बीते तीन दिनों तक धाम क्षेत्रों में लगातार हुई बारिश यात्रा पर खलल जरूर डालती दिखाई दी। जो तीर्थयात्रियों की श्रद्धा का भी इम्तिहान ले रही है। लेकिन, चारधाम यात्रा पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की श्रद्धा बारिश पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। यही कारण है कि बारिश के बावजूद भी यात्रियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कपाट खुलने के बाद से एक सप्ताह में गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम पहुंचे वाले तीर्थयात्रियों एवं श्रद्धालुओं की संख्या एक लाख से पार हो गई है।

Next Post

आज विश्व परिवार दिवस का अभिप्राय संयुक्त अथवा एकल परिवार से है

देहरादून:आज विश्व परिवार दिवस है,परिवार से अभिप्राय संयुक्त अथवा एकल परिवार से है, संयुक्त परिवार में हम दादा दादी,ताऊ,चाचा,बुवा आदि सभी लोगों के साथ उनके बच्चों के साथ मिलकर रहते हैं, जबकि एकल परिवार में पति,पत्नी और उनके बच्चे ही आते हैं,बेहद दुःखद है कि आज संयुक्त परिवार टूटते जा […]

You May Like